राष्ट्रीय अजिविका मिशन के सौजन्य से कृषक प्रशिक्षण केन्द्र सुन्दरनगर में चलाई जा रही मोटे अनाज से खाद्य सुरक्षा के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि व पशु सखियों ने अन्न के उत्पादन पर जानकारी हासिल की। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में कृषि वैज्ञानिक डॉ. सतीश गुलेरिया ने जहां विभिन्न प्रकार के मोटे अनोजों की पहचान करवाई तथा उनकी वैज्ञानिक उत्पादन विधि पर चर्चा की वहीं दूसरे सत्र में परियोजना निदेशक आत्मा मण्डी डॉ. देश राज शर्मा ने प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत मोटे अनाजों के महत्त्व व उत्पादन पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शून्य बजट प्राकृतिक खेती तकनीक के अतंर्गत किसान को किसी भी प्रकार के रासायनिक और कीटनाशकों तत्वों को खरीदने की जरुरत नहीं पड़ती है और इस तकनीक में किसान केवल अपने द्वारा बनाई गई खाद का इस्तेमाल करता है, जिसके चलते किसानों को कम लागत में अच्छी पैदावार का लाभ मिलता है और फसल भी जैहरमुक्त होती है।
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण कृषक प्रशिक्षण केन्द्र के कृषि विकास अधिकारी डॉ. राजेंद्र सिंह द्वारा तैयार करवाया गया कोदरे का प्रदर्शन प्लाट रहा जिसमें जिला शिमला व मण्डी सुंदरनगर की कृषि व पशु सखियों ने पौधारोपण विधि द्वारा प्रदर्शन प्लाट तैयार किया।
इस अवसर पर कृषक प्रशिक्षण केंद्र सुंदरनगर की प्रधानाचार्य डॉ. प्राची, डॉ.योग राज, डॉ. नरेश कुमार, डॉ. भरत भूषण, डॉ. शंकर दास, डॉ.अमर सिंह उपस्थित रहे।
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