आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हैल्पर्ज यूनियन के प्रतिनिधिमण्डल ने सामाजिक न्याय एवम आधिकारिता मंत्री से मुलाकात कर सौंपा तेईस सूत्रीय मांग पत्र ।

आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी का एक प्रतिनिधिमण्डल सामाजिक न्याय एवम आधिकारिता मंत्री डॉ. कर्नल धनी राम शांडिल से मिला व उन्हें तेईस सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। इस दौरान महिला एवम बाल विकास विभाग की निदेशक सहित सभी आला अधिकारी मौजूद रहे। यूनियन प्रतिनिधिमण्डल में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, यूनियन उपाध्यक्ष हिमिन्द्री, महासचिव वीना शर्मा, मंजू, चम्पा, सुदेश, कंचन, शशि, बिमला, रामप्रकाश आदि मौजूद रहे। प्रतिनिधिमण्डल ने प्री प्राइमरी में आंगनबाड़ी कर्मियों की सौ प्रतिशत नियुक्ति, इस नियुक्ति में 45 वर्ष की शर्त खत्म करने, सुपरवाइजरों के रिक्त पदों को भरने, माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कर्नाटक व गुजरात की तर्ज़ पर ग्रेच्युटी सुविधा लागू करने, हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन व वरिष्ठता लाभ देने, पंजाब की तर्ज़ पर मेडिकल सहित अन्य छुट्टियां देने, रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने, मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करके पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्र का दर्ज़ा देने, मोबाइल रिचार्ज व स्टेशनरी की सुविधा देने, मेडिकल अथवा बीमारी के दौरान वेतन काटने पर रोक लगाने, पोषण ट्रेकर ऐप की दिक्कतों को दूर करने व नए मोबाइल देने आदि मांगों को मंत्री के समक्ष रखा और उन्होंने इन मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, यूनियन उपाध्यक्ष हिमिन्द्री देवी व महासचिव वीना शर्मा ने कहा है कि मांग पत्र पर मंत्री कर्नल शांडिल का रुख बेहद संवेदनशील रहा। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार से वर्ष 2013 में हुए पेंतालिसवें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए पेंशन, ग्रेच्युटी, मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा आंगनबाड़ी वर्करज़ को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। इसकी एवज़ में उनका वेतन बढाया जाए व उन्हें नियमित किया जाए।

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