दंगा कांड में अरशद को फंसाने की साज़िश का हो पर्दाफाश।

साहिबगंज। बीते अप्रैल माह में शहर के कुलीपाड़ा मुहल्ले में चैती दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो समुदाय में हिंसक झड़प में दर्ज हुए कांड संख्या - 27/23 में पर्यावरण प्रेमी सह जिले के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अरशद नसर को दंगा का मास्टरमाइंड के रूप में फंसाने को लेकर चल रहे साज़िश के ख़िलाफ़ ज़िले के कई सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने मुखर हो कर आवाज़ बुलंद करना शुरू कर दिया है। बताते चले की इस मामले में पुलिस दंगा कांड के अभियुक्त असद जैदी व नदीम जैदी जो फिलहाल जमानत पर बाहर हैं का कन्फेशन स्टेटमेंट लेकर अरशद को दंगा कांड का मास्टरमाइंड के रूप में आरोपित बनाने की साज़िश रची जा रही है व केस डायरी में अरशद का नाम लाया गया है।
जिसको लेकर शिव सेना के उप राज्य प्रमुख संजय पांडेय,झारखंड मजदूर संघ प्रजातांत्रिक के केन्द्रीय महामंत्री राजकुमार यादव,भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला सदस्य श्याम सुंदर पोद्दार,कांग्रेस के रामकिशुन रविदास, संतोष कुमार स्वर्णकार,मछुआ सोसायटी के अध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी,सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश प्रसाद,रामनाथ विद्रोही,अभय मुर्मू,आशीष रंजन,शिवजी ठाकुर,वीरेंद्र पासवान,राजेश यादव,सुरेश केजरीवाल समेत दर्जनों सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने सरकार व जिला पुलिस प्रशासन से अरशद को दंगा कांड में फंसाने की हो रही गंदी साज़िश पर रोक लगाने व इस साज़िश के पीछे छिपे तत्त्वों की पहचान कर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है अन्यथा सड़क से लेकर मीडिया,मीडिया से लेकर न्यायालय तक में बिगुल फुंका जाएगा।

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