3 जुलाई।
डी पी रावत।
ब्यूरो रिपोर्ट आनी।
ज़िला कुल्लू के विकास खण्ड आनी की ग्राम पंचायत लझेरी के अन्तर्गत रशांडी गांव में ग्राम पंचायत लझेरी द्वारा अवैध सड़क निर्माण के कारण रशांडी गांव की दलित बस्ती के एक घर में दरारें आने और कई परिवारों के खतरे की जद में आने का मामला प्रकाश में आया है।
बताते चलें कि ग्राम पंचायत लझेरी द्वारा मनरेगा योजना के अंतर्गत प्रस्तावित सड़क मार्ग निर्माण ट्रैक्टर रोड़ गई से उटा गोसर का निर्माण कार्य 19 अप्रैल 2023 से शुरू किया। यह कार्य पहले दिन ही विवादों में घिर गया।
गांवो वालों ने ग्राम पंचायत लझेरी पर आरोप लगाया है कि इस सड़क निर्माण के लिए पंचायत द्वारा सभी वैधानिक औपचारिकताएं पूरी नहीं की गई हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि संबंधित भूमि मालिकों से कोई भी अनापत्ति शपथ पत्र नहीं लिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इस गांव के सामान्य वर्ग के कुछ लोग खासकर वार्ड पंच बबिता देवी, उनका पति और उनका ससुर अनुसूचित जाति के लोगों को दबाने के इरादे से इस प्रकार की दादागिरी कर रहे हैं।
इसी दिन रशांडी गांव के दलित बस्ती के कुछ लोगों ने इसके निर्माण पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस इस कार्य निर्माण में जिन लोगों की जमीन लगनी है उनसे कोई भी बातचीत नहीं की गई ।
उन्होंने अपने संयुक्त ब्यान में कहा है कि जहां सड़क निकाली जा रही है भू राजस्व के अभिलेख मुसावी के अनुसार वहां पिछले सत्तर साल पहले एक खच्चर मार्ग था जो बाद पंचायत द्वारा पक्के रास्ते में कुछ वर्ष पूर्व तब्दील कर दिया है और स्थानीय ग्राम पंचायत द्वारा अब इस मार्ग को ट्रैक्टर रोड़ में तब्दील करने की कवायद शुरू की गई थी। उक्त प्रस्तावित ट्रैक्टर रोड़ की भूमि कोठी(इलाका/परगना/हल्का) जलोड़ी फाटी लझेरी( मुहाल/भू-राजस्व गांव) के तहत खसरा नंबर 1431 के अंतर्गत मुसाबी में अंकित है। जबकि रास्ते के दोनों तरफ़ मलकियत भूमि है।
यह विवाद बढ़ते - बढ़ते गांव से पुलिस थाना आनी, वहां से एसडीएम कोर्ट, वहां से सिविल कोर्ट आनी, वहां से ज़िला एवम सत्र न्यायालय रामपुर बुशैहर तक पहुंच गया है।
मामला कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।
खैर माननीय न्यायालय का फैसला सर्वमान्य होगा।
प्रश्न ये उठता है कि अगर इस बरसात के मौसम में कुछ मकान भूस्खलन की चपेट में आ कर नष्ट होते हैं और एक मकान में अभी दरारें आ चुकी हैं तो इसकी क्षतिपूर्ति कौन करेगा और इसकी जिम्मेवारी किसकी होगी?
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