हिमाचल के कई भागों में पांच दिन भारी बारिश का अलर्ट लोगों को नदी-नालों से बचने की सलाह।




13 जुलाई। 

Alert of heavy rain for five days in many parts of Himachal, people advised to avoid rivers and drains

 हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में फिर भारी बारिश का येलो अलर्ट मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने जारी किया है। नदी-नालों से स्थानीय लोगों और पर्यटकों को दूर रहने की सलाह दी गई है। हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों भारी बारिश से हुई आपदाओं का असर अभी भी कम नहीं हुआ है। वहीं, राज्य में पांच दिन के लिए भारी बारिश का अलर्ट फिर से जारी किया गया है। 13 जुलाई से 17 जुलाई तक राज्य के कई मैदानी व मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने जारी किया है। 19 जुलाई तक प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना है। गुरुवार सुबह शिमला की राजधानी सहित कई स्थानों पर बारिश हुई। धूप खिलने के बाद भी हल्के बादल छाए रहे। आज भी कुछ जगह भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी है। बुधवार रात को धौलाकुआं में 106.0, नाहन में 58.0, घमरूर कांगड़ा में 43.6, सोलन में 38.0 और कंडाघाट सोलन में 37.4 मिलीमीटर बारिश हुई है। लाहौल के जोबरंग गांव के पास गुरुवार को पहाड़ी से भूस्खलन हुआ है। इससे सड़क मार्ग बंद हो गया।

मौसम विभाग ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से कहा है कि वे संबंधित विभागों से जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। विभाग की मौसम सलाह का पालन करें। उन क्षेत्रों में जाने से बचें जहां जलभराव अक्सर होता है। जलाशयों से दूर रहें। अपने गंतव्य पर रवाना होने से पहले सड़क पर चल रहे वाहनों को देखें। असुरक्षित जगहों पर नहीं रहें। बारिश, हिमस्खलन और भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों और ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में जाने से बचें। खराब मौसम में गाड़ी चलाना और ऊंचाई पर जाना खतरनाक हो सकता है।    14 जुलाई से प्रदेश के निचले और मध्य पर्वतीय जिलों में सक्रिय मानसून के प्रभाव से बारिश की गतिविधियां तेज होने की संभावना है, मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा। 15 जुलाई से 17 जुलाई तक चंबा, कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, मंडी, सोलन, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और सिरमौर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। उस समय औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 3–5 डिग्री नीचे रहने की संभावना है। साथ ही, अगले चार से पांच दिनों तक औसत न्यूनतम तापमान सामान्य रहेगा।गुरुवार सुबह 10 बजे तक राज्य में 1018 सड़कें यातायात के लिए बाधित थीं। इसके अतिरिक्त, 2498 बिजली ट्रांसफार्मर और 1244 जलापूर्ति स्कीमें ठप हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ों की कठिन परिस्थितियों को देखते हुए कुल्लू जिले में 48 घंटों के भीतर बिजली, पानी और संचार सेवाओं को अस्थायी तौर पर बहाल किया गया है। इसके अलावा, लगभग 60 हजार पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। बाढ़ से प्रभावित थुनाग में भी उनका नुकसान देखा गया।

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