दिल्ली में नौ जुलाई को होगी परिसंघ की बैठक।



6 जुलाई ।

The confederation meeting will be held in Delhi on July 9.

नौ जुलाई को दिल्ली में अतुल ग्रोव रोड पोस्टल महासंघ के कार्यालय में सरकारी  कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ की बैठक होगी। राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ, रेलवे महासंघ, पोस्टल महासंघ, केंद्रीय कर्मचारी महासंघ, स्वायतशासी कर्मचारी महासंघ, प्रतिरक्षा कर्मचारी महासंघ और जीईएनसी से जुड़े अन्य महासंघों के अध्यक्ष, महामंत्री और प्रदेश संयोजक बैठक में भाग लेंगे। एमपी सिंह, बीएमएस के अखिल भारतीय उपाघ्यक्ष और प्रभारी सरकारी क्षेत्र, बैठक में मुख्य अतिथि होंगे। विशेष अतिथि के रूप में जीईएनसी के सेक्रेटरी जरजन साधू सिंह, सह प्रभारी अशोक शुक्ला, उन्नी कृष्णन, चेन्ना केशवराव, सुखविंदर डिक्की भाग लेंगे। राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विपन डोगरा और महामंत्री विष्णु वर्मा ने बताया कि बैठक में देश के सभी केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों को सीसीएस पेंशन रूल 1972 के अंतर्गत दी जाने वाली पुरानी पेंशनों पर चर्चा होगी।

शिमला। प्रदेश की कांग्रेस सरकार पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के सपनों को तोड़ रही है। प्रदेश में दो बच्चों के लिए भी स्कूल खोले गए थे, लेकिन वर्तमान सरकार उन्हें धड़ाधड़ बंद करने में लगी हुई है। भाजपा के पूर्व मंत्री राजीव सहजल और विधायक सुखराम चौधरी ने ये शब्द कहे। उन्हें बताया कि सुखविंदर सुक्खू की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने मंत्रिमंडल के गठन से पहले ही 1000 संस्थान को अलोकतांत्रिक तरीके से बंद करने का आदेश दिया। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस विधायकों और नेताओं को इलाके में दिखाना मुश्किल हो गया है और आज नौ महीने बीतने के बाद भी कांग्रेसी नहीं बता रहे हैं कि अस्पताल, तहसीलें, उप-तहसीलें, वैटरिनरी डिस्पेंसरियां और अन्य चल रहे संस्थान क्यों बंद किए गए हैं। भाजपा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार और संगठन में चल रहे संघर्ष में पीस रही है।

शिमला: हिमाचल भवन के कर्मचारियों ने आवास के लिए सीएम से मुलाकात की।बुधवार को चंडीगढ़ में हिमाचल भवन के कर्मचारियों ने आवास की मांग को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से एक बैठक की। इस दौरान, मुख्यमंत्री को करीब 44 कर्मचारियों द्वारा हस्ताक्षरित एक मांगपत्र भी भेजा गया था। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से यूटी प्रशासन चंडीगढ़ में उन्हें फ्लैट्स देने की मांग की। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को भी आश्वासन दिया कि उनकी मांग को सुनेंगे। हिमाचल भवन के कर्मचारियों का कहना है कि सरकारी आवास की कमी के कारण उन्हें चंडीगढ़ के विभिन्न स्थानों में किराए पर कमरे लेकर रहना पड़ रहा है। रहने के लिए चंडीगढ़ में निजी आवास बहुत महंगे हैं। इसके अलावा, उनके निजी घर हिमाचल भवन से अधिक दूर हैं। कार्यस्थल पर पहुंचने में समय लगता है। वहीं, घर दूर होने के कारण अक्सर समय पर काम पर नहीं पहुंच पाते। रात में भी 12 बजे तक काम करते हैं। कर्मचारियों ने यूटी एडमिनिस्स्टे्रशन के तहत 20 फ्लैट देने की मांग की है।


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