30 जुलाई।
मणिपुर: पीड़ितों से मिले विपक्षी सांसदों ने कहा, 'जख़्म अब भी गहरे', बीजेपी ने दौरे को बताया 'सियासी मणिपुर के दौरे पर पहुंचे विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’।(I.N.D.I.A) के सांसदों ने कहा है कि पीड़ितों के ‘जख़्म अब भी गहरे’ हैं और उनके जीवन में सुधार लाने के लिए ‘साथ मिलकर’ काम करना होगा.कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत प्रतिनिधिमंडल में शामिल कई नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल उठाए. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने विपक्ष के मणिपुर दौरे को ‘सियासी पर्यटन’ बताते हुए पलटवार किया।
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि विपक्ष के सांसदों के लिए शनिवार का दिन मुश्किल भरा रहा. उन्होंने मणिपुर के लोगों की दुख और तकलीफों को सुना.उन्होंने बताया कि विपक्ष के सांसदों ने चार राहत कैंपों का दौरा किया. इनमें से दो चुराचांदपुर में हैं. एक इंफाल और एक मोइरांग में है गोगोई ने कहा, “ये आसान नहीं था. कई बार महिलाएं हमें अपनी बात बताते हुए रो पड़ीं. हर कोई शांति चाहता है. सब चाहते हैं कि उनकी जीनव एक बार फिर पटरी पर आ जाए.”
उन्होंने बताया, "कल (रविवार को) हम राज्यपाल से मुलाक़ात करेंगे और उन्हें ज्ञापन देंगे. हम यहां (पीड़ितों की बात) सुनने आए हैं. हम जानने आए हैं कि लोगों की उम्मीदें क्या हैं।
विपक्षी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल शनिवार सुबह इंफाल पहुंचा और फिर दो हेलीकॉप्टरों में प्रतिनिधिमंडल ने चुराचांदपुर के लिए उड़ान भरी.कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल चुराचांदपुर कॉलेज के एक बॉयज़ हॉस्टल के राहत शिविर में पहुंचा।
एक दूसरी टीम चुराचांदपुर में डॉन बॉस्को स्कूल के राहत शिविर पहुंची. इस टीम में लोकसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर गौरव गोगोई और कुछ नेता शामिल थे।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने एक राहत शिविर का दौरा करने के बाद पत्रकारों से कहा, "वे (अपराधों की) सीबीआई से जांच की बात कर रहे हैं... मैं पूछना चाहता हूं कि क्या वे (केंद्र सरकार) अब तक सो रहे थे?"
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि विपक्षी सांसद लोगों के दर्द को समझना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, " अगर सरकार का कहना है कि शांति आ गई है तो कैंप क्यों खुले हैं? इस ज़िले में ही, जो हमने पता किया, करीब तीन सौ कैंप हैं, 15 हज़ार लोग हैं. लोग कैंप में इसलिए हैं कि आज भी उनको अपने जीवन की सुरक्षा की चिंता है।"
उन्होंने सवाल किया, "वो (सरकार और बीजेपी) यहां क्यों नहीं है? यहां क्या मुख्यमंत्री आए हैं. प्रधानमंत्री गायब हैं. प्रधानमंत्री यहां आएं सारे दलों का नेतृत्व वो करें, वो ऑल पार्टी डेलिगेशन लेकर आएं , हम भी उसमें शामिल होंगे "टीएमसी सांसद सुष्मिता देव भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष के सांसद सभी पीड़ितों की बात सुनना चाहते हैं. वो दोनों समुदाय के लोगों से बात कर रहे हैं।
टीएमसी सांसद ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, "दुख यही है कि भारत सरकार को डेलिगेशन भेजना चाहिए था, उन्होंने मना कर दिया, इसलिए इंडिया अलायंस की जितनी पार्टियां हैं, उनके सांसद यहां आए हैं."मणिपुर में हो रही कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, "देश के गृह मंत्री को तीन मई से नहीं पता नहीं था कि यहां क्या हो रहा था. नब्बे दिन बाद आप सीबीआई (को जांच) दे रहे हैं इसका मतलब गृह मत्री के पास आईबी की रिपोर्ट नहीं थी.
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