ऊना में पकड़ी नकली होलोग्राम और स्टीकर वाली शराब।




25 जुलाई। 

 ऊना जिले में एक शराब जांच में नकली होलोग्राम और मार्का स्टीकर पीने योग्य नहीं पाए गए। कंडाघाट लैब की जांच रिपोर्ट ने इसकी पुष्टि की है। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक शराब जांच में नकली होलोग्राम और मार्का स्टीकर पीने योग्य नहीं पाई गईं। कंडाघाट लैब की जांच रिपोर्ट ने इसकी पुष्टि की है। लैब रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से शराब के सैंपल को पीने के लिए सुरक्षित नहीं बताया है। नकली शराब अगर दस दिन में नहीं पकड़ी जाती तो कई घर बर्बाद हो सकते थे। मैहतपुर, ऊना और हरोली में शराब की कुछ बोतलें हैं, लेकिन बड़ी खेप बंटने से पहले पुलिस गोदाम में पहुंच गई।

पुलिस की जांच में अब तक कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अब तक इस मामले में छह लोग गिरफ्तार हुए हैं। ऊना पुलिस की जांच अभी भी जारी है। पुलिस ने नकली होलोग्राम और स्टीकर वाली शराब के कुछ सैंपल को कंडाघाट स्थित रसायनिक लैब में भेजा था। लैब रिपोर्ट ने कहा कि शराब के नमूने पीने योग्य नहीं थे। इनमें अलग-अलग पार्टिकल मिले हैं। कुछ नमूनों में अल्कोहल की मात्रा मानकों से अलग थी। जबकि दो नमूनों में मैन्यू फेक्चरिंग तिथि और बैच संख्या नहीं है। पुलिस को लैब रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए भेजी गई है।
मंडी जहरीली शराब मामले में आरोपियों ने ऊना में नकली होलोग्राम और स्टीकर शराब बेची, लेकिन दस दिन में ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस जांच का प्रमुख आरोपी गौरव मिन्हास ने कई खुलासे किए हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि सागर सैनी और गौरव मिन्हास उर्फ गौरू ने मंडी जहरीली शराब मामले में जमानत मिलने के बाद यह कारोबार शुरू करने की योजना बनाई। पुलिस पूछताछ में गौरव मिन्हास ने बताया कि सागर सैनी और वह दोनों मिले।

इसके बाद उन्होंने रूद्रपुर में एक लिंक बनाने की बात कहते हुए शराब कारोबार को फिर से शुरू करने का मुद्दा उठाया। दोनों ने भी उत्तराखंड के रूद्रपुर में काला धन का व्यापार शुरू किया था, लेकिन मामला उजागर होने के बाद यह ऊना में किया गया था। यहां व्यापार नियोजित रूप से शुरू हुआ। सप्लाई, गोदाम, लेबर, डिस्टिल वाटर और अन्य कार्यों को अलग-अलग संस्थाओं ने संभाला था। गौरव मिन्हास, मुख्य आरोपी, लेबर, गोदाम और अन्य के लिए जिम्मेदार था।
जबकि सागर सैनी लेवल (पानी सहित) बनाता और लाता था। पुलिस पूछताछ में पता चला कि सप्लाई करने वाले दो लोगों ने पूरे कारोबार का २५ प्रतिशत हिस्सा लिया था। पुलिस पूछताछ में सागर सैनी, जो दूसरा आरोपी है, ने अब तक इस पूरे मामले में उसका कोई हाथ नहीं होने का दावा किया है। हाल ही में हाईकोर्ट ने सागर सैनी को जमानत पर सशर्त रिहा किया था। वह पुलिस की जांच में सहायक होगा। आरएफएसएल मंडी में जले हुए सामान और आरएफएसएल धर्मशाला की लेवल और होलोग्राम की रिपोर्ट आना बाकी है। वेस्ट बंगाल नकली शराब बनाने के लिए इथेनाल से जुड़ रहे हैं। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।

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