हिमाचल सरकार ने पंचायतों की तर्ज पर अब शहरी क्षेत्रों का भी बनेगा परिवार रजिस्टर, एमसी अधिनियम में संशोधन।

 



28 जुलाई।

On the lines of Panchayats, the Himachal government will now prepare a family register for urban areas, amendment in the MC Act

राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में परिवार रजिस्टर को लागू करने के लिए प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 48 ए, धारा 308 ए और हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 43 (5) और धारा 393 में संशोधन किया है। 

हिमाचल सरकार ने अब शहरी क्षेत्रों में भी ग्राम पंचायतों की तरह परिवार रजिस्टर बनाने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में परिवार रजिस्टर को लागू करने के लिए प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 48 ए, धारा 308 ए और हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 43 (5) और धारा 393 में संशोधन किया है। इससे शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के बारे में महत्वपूर्ण डाटा मिलेगा, जिसके उपयोग से संसाधनों का बेहतर वितरण सुनिश्चित कर जन कल्याण की योजनाएं बनाई जा सकेगी। मंत्रिमंडल ने हाल ही में नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के परिवार रजिस्टर के रखरखाव नियम 2023 का एक प्रारूप मंजूर किया है। परिवार रजिस्टर अभी तक केवल ग्राम पंचायतों में रखे जाते थे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हर परिवार में रहने वाले व्यक्ति का रिकॉर्ड होना चाहिए, जिसमें उनकी जाति, व्यवसाय, शैक्षणिक योग्यता और अन्य विवरण शामिल हैं।
पारिवारिक रिकॉर्ड सुनिश्चित करने से स्थानीय निकायों को सरकारी राहत कार्यक्रमों से लाभ मिलेगा। संशोधित नियमों के अनुसार, वार्ड समिति के संबंधित सचिव को प्रत्येक वार्ड के वास्तविक निवासियों के परिवारों की सूची के लिए घर-घर जाना होगा। रजिस्टर को नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी, नगर पंचायत के सचिव या फिर इसके लिए विशेष रूप से नामित सत्यापन अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा। सभी आवश्यक बदलावों और जांचों को पूरा करने के बाद, अंतिम परिवार रजिस्टर सदन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और राजपत्र में प्रकाशित होगा। यह सूचना इसके बाद आम लोगों को ऑनलाइन रूप से संबंधित अधिकारी की ओर से दी जाएगी।

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