22 जुलाई।
External Affairs Minister Jaishankar told Parliament that till June this year 87026 Indians have renounced their citizenship.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में कहा कि पिछले दो दशकों में भारतीय नागरिकों ने वैश्विक कार्यस्थल की तलाश की है। बहुत से लोगों ने सुविधा के कारण विदेशी नागरिकता लेने का निर्णय लिया है। इस साल जून तक 87,026 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया। एक लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि 2011 से अब तक 17.50 लाख से अधिक लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। जयशंकर ने बताया कि 2022 में 2,25,620, 2021 में 1,63,370 और 2020 में 85,256 भारतीय नागरिकता छोड़ दी गई।
विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में वैश्विक नौकरी की तलाश करने वाले भारतीयों की संख्या बहुत बड़ी रही है। बहुत से लोगों ने सुविधा के कारण विदेशी नागरिकता लेने का निर्णय लिया है। पिछले दो वित्तीय वर्षों में केंद्र सरकार ने मुकदमेबाजी पर 102 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। विधि मंत्रालय ने संसद को बताया कि केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों और विभाग देश भर के सभी न्यायालयों में 6.36 लाख लंबित मामलों में पक्षकार हैं। 1.79 लाख से अधिक मामलों में वित्त मंत्रालय पक्षकार है। 87,000 मामलों में रक्षा मंत्रालय और 17,000 में शिक्षा मंत्रालय पक्षकार हैं। केंद्रीय विधि राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने लोकसभा में लिखित उत्तर देते हुए बताया कि 2022–2023 में केंद्र सरकार ने इन मुकदमों पर अपना पक्ष रखने के लिए 54.35 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (आईएएस) और आईपीएस की तर्ज पर जिला स्तर पर जजों की भर्ती करने के प्रस्ताव पर आम मतभेद है। मेघवाल ने कहा कि राज्यों और उच्च न्यायालयों में इसे लेकर मतभेद हैं। मेघवाल ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने लगभग 26 हजार मामलों का निपटारा किया है, जबकि 25 उच्च न्यायालयों ने 5.23 लाख से अधिक मामलों का निपटारा किया है।
अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (आईएएस) और आईपीएस की तर्ज पर जिला स्तर पर जजों की भर्ती करने के प्रस्ताव पर आम मतभेद है। मेघवाल ने कहा कि राज्यों और उच्च न्यायालयों में इसे लेकर मतभेद हैं। मेघवाल ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने लगभग 26 हजार मामलों का निपटारा किया है, जबकि 25 उच्च न्यायालयों ने 5.23 लाख से अधिक मामलों का निपटारा किया है। मांडविया ने बताया कि केंद्रीय परिवार व स्वास्थ्य कल्याण विभाग हृदय संबंधी रोगों से निपटने के लिए तकनीकी और आर्थिक सहायता प्रदान करता है। इससे देश के 724 जिलों में गैर-संचारी रोग क्लीनिक, 210 जिलों में कार्डियक केयर यूनिट और 326 जिलों में डे केयर सेंटर बनाए गए हैं।
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