दूध उत्पादकों की समस्याओं व मांगों को लेकर 17 जुलाई को दत्तनगर में होने वाले प्रदर्शन की तैयारियों को लेकर निरमण्ड ब्लॉक के अलग अलग गांव में तैयारियां चरम पर।




 6 जुलाई।

महेंद्र कौशिक।

ब्यूरो रिपोर्ट निरमण्ड।

Preparations are at its peak in different villages of Nirmand block regarding the preparations for the demonstration to be held in Dattanagar on July 17 regarding the problems and demands of the milk producers.

 हिमाचल दुग्ध उत्पादक संघ खण्ड इकाई निरमण्ड 17 जुलाई को दत्तनगर मे दूध उत्पादकों की समस्याओं व मांगों को लेकर होने वाले प्रदर्शन की तैयारियों को लेकर निरमण्ड ब्लॉक के अलग अलग गांव कुंडाकोड,अवेरा, सुनैर, मातला, पूजारली, पिपलहट्टी मे दूध उत्पादकों की बैठकों का आयोजन किया गया। इन मीटिंगों मे,हिमाचल दुग्ध उत्पादक संघ के संयोजक देवकी नंद,निरमण्ड ब्लॉक किसान सभा के सहसचिव काश्मीरी लाल मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि आज के समय मे सरकार की गलत नीतियों के कारण गांव में आज भी दूध पैदा करने वाले किसान बहुत दुखी हैं। उनका शोषण हो रहा है।किसानों को दूध का उचित दाम नही मिल रहा है।उन्हीने कहा कि जी भी सरकारें प्रदेश में आज से पहले और जो वर्तमान में सरकार हमारे प्रदेश में है इन सरकारों ने आजतक कोई स्थायी नीति दूध वालों के लिये नहीं  बनाई है जिस कारण दूध उत्पादन भी घाटे का सौदा बन रहा है।

       उन्होंने कहा कि आज भी सरकार द्वारा मिल्क फेडरेशन व निजी कंपनियों द्वारा किसानों को 22 रुपये से लेकर 30 रुपये तक दूध का दाम प्रति लीटर लिया जाता है।देश व प्रदेश में मंहगाई निरंतर बढ़ रही है जिससे कि फीड,दवाई व चोकर के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं जिससे कि दूध को पैदा करने की लागत दिनप्रतिदिन बढ़ रही है परंतु दूध के दाम में कोई बढ़ोतरी नही हो रही है।जिससे कि दुग्ध उत्पादकों को अपना परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है।वहीं दूसरी तरफ दुग्ध उत्पादकों को दूध की पेमेंट भी समय पर नही मिल रही है पेमेंट का कोई निश्चित समय ना होने के कारण पेमेंट का भुगतान 20 तारीख के बाद ही होता है क्योंकि मिल्क फेडरेशन के लिए सरकार द्वारा पर्याप्त बजट का प्रावधान नही किया जा रहा है जिससे कि इन पर दोहरी मार पढ़ रही है।

     उन्होंने प्रदेश सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने जनता से वायदा किया था कि हमारी सरकार सत्ता में आने के बाद 80 व 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से दूध खरीदेगी।जो केवल चुनावी घोषणा बन कर रह गयी है इस सरकार ने तो बजट में एक पैसे की भी बढ़ोतरी नही की है जबकि हर साल बजट मे दो तीन रुपये की बढ़ोतरी होती थी।जिससे साफ जाहिर होता है कि यह सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है।

        उन्होंने कहा कि जो पशु औषधालय ग्रामीण क्षेत्र मे खोले गए हैं वहां पर डॉक्टर के पद खाली पड़े हुए हैं कई पशु औषधालय मैं तो ताले लटके हुए हैं जिस कारण भी लोगों को गाय मे समय पर टीका ना लगने से गाय भी खराब हो रही है।

  हिमाचल दुग्ध उत्पादक संघ प्रदेश सरकार से मांग करता कि दूध का दाम कम से कम 40 रुपया प्रति लीटर किया जाए,दूध की पेमेंट हर माह 10 तारीख से पहले दी जाए,सभी सोसाईटियों मे दूध की गुणवत्ता को मापने के लिये टैस्टिंग मशीन लगाई जाए ताकि दूध की गुणवत्ता को सुधारा जा सके,पशु औषधलय मे सभी खाली पद भरे जायें,पशु आहार पर सब्सिडी दी जाए,दूध को इकट्ठा करने के लिये नए चिल्लिंग प्लांट खोले जायें,दत्तनगर मे मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट खोला जाए ताकि यहां के बेरोजगार नौजवानों को रोजगार मिल सके।

    इन बैठकों में टीकम,सुषमा देवी,राधा देवी,रमेश कुमार,उषा देवी,किरणा देवी,भगत राम ,श्याम लाल,पिंकी देवी,मधु,पुष्पा देवी,रीना देवी आदि शामिल रहे।

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