15 जुलाई।
Paonta Sahib-Shillai highway blocked: Loss of Rs 30 lakh per day to limestone business of Sirmaur.
सिरमौर का पत्थर उद्योग पिछले छह दिन से पांवटा साहिब-शिलाई एनएच-707 कच्ची ढांक के पास बंद है। दैनिक रूप से कारोबार ठप होने से 30 लाख रुपये का घाटा हो रहा है।
सिरमौर का पत्थर उद्योग पिछले छह दिन से पांवटा साहिब-शिलाई एनएच-707 कच्ची ढांक के पास बंद है। दैनिक रूप से कारोबार ठप होने से 30 लाख रुपये का घाटा हो रहा है। इसके अलावा, दो से तीन लाख रुपये की सरकारी आय भी प्रभावित हो रही है। इससे 150 कर्मचारियों को भोजन की कमी होने लगी है। सतौन उत्तरी भारत का सबसे बड़ा चूना मंडी है। चूना पत्थर राज्य और देश भर में भेजा जाता है। पांवटा साहिब, शिलाई और रेणुकाजी में चूना पत्थर की खानें हैं। जहां प्रतिदिन लाखों का कारोबार होता है 200 के करीब छोटे बड़े ट्रक संचालक भी इस काम में हैं। यह भी उनके काम पर सीधा असर डाला है।
यहाँ से भी सरकार को हर दिन लाखों रुपये मिलते हैं। सतौन, कमरऊ और पुरुवाला में कई छोटे कारखाने हैं। जहां पर पॉल्ट्री ग्रिट और ग्लास उद्योग में उपयोग होने वाला पाउडर बनाया जाता है यहां से चूना पत्थर और इससे बना हुआ पाउडर हर दिन उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा और मध्य प्रदेश के कई राज्यों में भेजा जाता है। इसके अलावा बद्दी, कालाअंब और पांवटा साहिब में भी चूना पत्थर का उपयोग किया जाता है। हजारों परिवार, जो इस क्षेत्र से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं, एक सप्ताह से बेरोजगार हैं।
सतौन क्षेत्र में प्रतिदिन एक हजार टन चूना पत्थर की बिक्री होती है। जबकि 1,500 टन से अधिक चूना पत्थर माइन से निकाला जाता है। जबकि पुरुवाला में प्रतिदिन एक हजार के करीब चूना पत्थर का उत्पादन होता है, जो बरसात के तीन महीने तक पूरा नहीं होगा। रोजाना 600 टन चूना पत्थर पुरुवला से बेचा जाता है। पिछले सप्ताह से उत्पादन और बिक्री बंद हैं। कुलदीप अग्रवाल, आदर्श बंसल और संजय मालपानी, उद्योग मालिक, ने बताया कि एक हफ्ते से कोई सप्लाई नहीं हुई है। कच्ची ढांक खुलता है। ग्लास उद्योग से रोजाना माल भेजने के बारे में फोन आ रहे हैं। सड़क को खोलने के लिए मशीनें लगाई गई हैं, तहसीलदार ऋषभ शर्मा ने बताया। सड़क यातायात के लिए भटरोग खोलने पर अभी जोर दिया जा रहा है।
0 Comments