14 जुलाई ।
Violation of environment rules in Shimla Kufri, NGT formed committee to investigate.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कुफरी, एक पर्यटन स्थल, में पर्यावरण नियमों के उल्लंघन पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एनजीटी ने दो सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसका सदस्य मुख्य अरण्यपाल और डीएफओ शिमला है ट्रिब्यूनल ने कमेटी को स्थानीय प्रशासन से मिलकर पर्यावरण नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया है। Триब्यूनल ने कमेटी से कार्यवाही रिपोर्ट मांगी है। 3 अक्तूबर को मामले की सुनवाई होगी। ट्रिब्यूनल ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि कमेटी की रिपोर्ट के बावजूद कुफरी में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दिल्ली के अधिवक्ता ने पत्र के माध्यम से एनजीटी को कुफरी में सफाई व्यवस्था की कमी की सूचना दी है। एनजीटी ने पत्र पर संज्ञान लेते हुए एक संयुक्त कमेटी बनाई और रिपोर्ट मांगी।
कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में अदालत को बताया कि कुफरी में कई पर्यावरण नियमों का उल्लंघन हुआ है। प्राकृतिक और वनस्पति क्षरण से पर्यावरण खराब हो रहा है। एक हजार से अधिक घोड़े एक छोटे से क्षेत्र में पंजीकृत हैं। इसके अलावा, ठोस कचरा प्रबंधन नहीं होने से क्षेत्र बहुत प्रदूषित है। पत्र में दावा किया गया है कि ग्रामीणों की सेहत शिमला के साथ लगते प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कुफरी में घोड़ो की लीद से खतरे में है। फेफड़े की सफाई नहीं होने से लोगों में फेफड़े का संक्रमण होता रहता है। पेट की बीमारियाँ भी हैं। घोड़ो की लीद से अमोनिया आक्साइड निकलता है। लीद इस क्षेत्र के पेयजल स्रोतों में घुल जाती है, जिससे पानी दूषित हो जाता है। कुफरी की दुर्दशा पर पहले प्रदेश हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था। सरकार को अदालत ने रोटरी क्लब शिमला की परियोजना रिपोर्ट लागू करने का आदेश दिया था। कुफरी को जम्मू और कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थल पहलगाम, गुलमर्ग, सोनमर्ग, अहरबल और पटनीटॉप की तर्ज पर विकसित करने के बारे में रोटरी क्लब ने एक विस्तृत रिपोर्ट बनाई थी। अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि राज्य के अन्य पर्यटन स्थलों को भी विकसित करें।
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