18 जुलाई।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 7 जुलाई से 15 जुलाई के बीच बाढ़ प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज जारी किया है। सोमवार को भी इसे सूचित किया गया था। स्पेशल पैकेज के लिए पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी ने यह निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने घोषणा की कि इस आपदा से आंशिक रूप से प्रभावित हर परिवार को एक लाख रुपये मिलेंगे। पटवारी की रिपोर्ट, चाहे पक्का हो या कच्चा, आंशिक नुकसान पर एक लाख रुपए मिलेंगे, अधिसूचना के अनुसार। ढाबे या दुकान को नुकसान होने पर भी सरकार एक लाख रुपए देगी। घर मालिक को 50 हजार रुपए अतिरिक्त मिलेंगे अगर उसके सामान बह जाएगा। सिल्ट को कृषि या बागबानी जमीन में डालने पर सरकार पांच हजार रुपए प्रति बीघा राहत देगी। 10 हजार रुपए प्रति बीघा कृषि या बागबानी भूमि के नुकसान पर दिए जाएंगे।
फसल को हुए नुकसान पर प्रति बीघा 2000 रुपए मिलेंगे। मवेशी के बह जाने या नुकसान होने पर प्रत्येक पशु को 55,000 रुपए मिलेंगे। अब सरकार बकरी, सूअर, भेड़ और अन्य पशुओं को नुकसान पर 6000 रुपये प्रति पशु देगी। पटवारी की रिपोर्ट अधिकांश मामलों में पर्याप्त होगी, जबकि पंचायत सचिव या पशुपालन विभाग की रिपोर्ट भी पर्याप्त हो सकती है। राज्य सरकार ने इस बार विशिष्ट रिलीफ पैकेज को सिर्फ एक घोषित अवधि के लिए सूचित किया है, इसके बजाय पहले से घोषित रिलीफ मैनुअल में बदलाव किया है। साथ ही, इस पैकेट के अनुसार सबसे अधिक प्रभावित मंडी जिला में राहत राशि दी गई है। अब अन्य जिलों में भी इसी तरह आबंटन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि पहले राहत नियम के तहत पक्के घर को आंशिक क्षति पर 12500 रुपए और कच्चे घर को 10 हजार रुपए मिलते थे। वर्तमान राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है, क्योंकि यह अभूतपूर्व दुर्घटना है। दुकानों और ढाबों को नुकसान होने पर राज्य सरकार ने सामान की एवज में 10 हजार रुपए की मामूली आर्थिक सहायता को 10 लाख रुपए कर दिया है। किराएदार के सामान को नुकसान होने पर पहले २५ हजार रुपये की मदद दी जाती थी, जो अब २५ हजार रुपये हो गई है। भूमि में बाढ़ से सिल्ट आने पर मुआवजा बढ़ाकर 5000 रुपए प्रति बीघा किया गया है, जो पहले लगभग 1400 रुपए प्रति बीघा था।
25 जुलाई को दोपहर बाद 12 बजे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। हिमाचल प्रदेश सचिवालय का शिखर सम्मेलन हॉल इसका स्थान होगा। यह हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई आपदा के बाद पहली बैठक है, इसलिए इसमें बाढ़ के बारे में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय किए जा सकते हैं। इस बैठक में विभागों में होने वाली नई भर्तियों पर भी चर्चा होगी।
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