अखण्ड भारत दर्पण (ABD) न्यूज जालंधर अदालत : सेवानिवृत्त होने के बाद सरकार ने अगर छह महीने के अंदर पेंशन, लीव इनकैशमेंट और ग्रेच्युटी नहीं दी तो 18 प्रतिशत ब्याज देना होगा। इससे पहले पंजाब सरकार भुगतान में देरी पर 10 प्रतिशत ब्याज देती है। जालंधर की नीचली अदालत ने एक मामले में राज्य सरकार को 18 प्रतिशत ब्याज लाभार्थी को देने का फैसला सुनाया तो इसके खिलाफ पंजाब सरकार ने सेशन कोर्ट जालंधर में अपील दायर की। अतिरिक्त सेशन जज ने सरकार की अपील खारिज करते हुए पुराने फैसले को बरकरार रखा है। इससे अब हर साल सेवानिवृत्त होने से सैकड़ों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। जालंधर के गांव नौगज्जा के एनिमल हसबेंडरी सिविल अस्पताल के वेटरनरी आफिसर डा. अरूणेश भट्टी की मौत के बाद उनकी पत्नी नवनीत को सभी लाभ देरी से मिले तो उन्होंने ब्याज के लिए कोर्ट में अपील कर दी। अपील में उन्होंने कहा उनके पति की मौत 29 दिसंबर 2016 को हुई थी, लेकिन उनको विभाग से मिलने वाले लाभ जुलाई 2017 को मिले। एडवोकेट दर्शन सिंह ने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का सहारा लिया। एक विजय एल मल्होत्रा बनाम स्टेट आफ उत्तर प्रदेश, दूसरे केवल वासुदेवा बनाम स्टेट आफ पंजाब और तीसरे दियोकिनानदन प्रसाद बनाम स्टेट आफ बिहार के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को देरी से किए गए भुगतान पर 18 प्रतिशत ब्याज देने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद 11 जुलाई 2022 को पंजाब सरकार को 18 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला सुनाया। इस फैसले को राज्य सरकार ने सेशन कोर्ट जालंधर में चुनौती दी। अतिरिक्त सेशन जज धरमिंदर पाल सिंगला ने पंजाब सरकार के तर्क से सहमत न होने हुए उनकी अपील खारिज कर दी।
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