7 अगस्त।
हिमाचल में सियासी उफान इस महीने के अंत तक रफ्तार पकडऩे वाला है। प्रदेश में लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने जा रहा है और बाकी राज्यों की तर्ज पर यहां भी सियासत का केंद्र मंदिर ही बनने वाले हैं। हिमाचल से दिल्ली तक प्रदेश के सियासी गलियारों में मंदिर की चर्चा चल निकली है और सबसे बड़ी बात इस समय रामलोक मंदिर को लेकर हो रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम बड़े चेहरे शिमला और सोलन की सीमा पर बने इस मंदिर की चौखट पर नतमस्तक हो चुके हैं। हाल ही में विदेश दौरे से लौटे मंदिर के मुख्य संचालक स्वामी अमरदेव ने अब पहला निमंत्रण गांधी परिवार को दिया है। सोनिया गांधी ने निमंत्रण को स्वीकार किया है।
इस दौरान गांधी परिवार के अन्य सदस्य और दिल्ली से कांग्रेस के कई बड़े चेहरों का जमावड़ा मंदिर में लगने वाला है। दरअसल 25 अगस्त को रामलोक मंदिर परिसर में बनाए गए नागलोक मंदिर की स्थापना होगी। विधिवत प्राण प्रतिष्ठा के साथ देश के इकलौते मंदिर को आम लोगों के लिए खोला जाएगा। इस सिलसिले में मंदिर के मुख्य संयोजक स्वामी अमरदेव ने कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को निमंत्रण दिया है और सोनिया गांधी ने 25 अगस्त को रामलोक मंदिर में आने पर हामी भी भर दी है। इस दौरान कांग्रेस सरकार और संगठन के कई अन्य नेता भी समारोह में मौजूद रहेंगे।
रामलोक मंदिर के मुख्य संचालक स्वामी अमरदेव ने बताया कि कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी नागलोक मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा और स्थापना के मौके पर बतौर मुख्यातिथि शामिल होंगी।
रामलोक मंदिर में नागलोक की स्थापना की तैयारियां चल रही हैं। मंदिर में सवा करोड़ ईंट लगाई गई हैं। मंदिर की ऊंचाई 450 फीट है। मंदिर को महल की शक्ल में तैयार किया गया है। यहां आठ कुल और 26 जातियों के नाग सहित नागकुल की महारानी की स्थापना शेषनाग के साथ की जाएगी। मंदिर में एक गुप्त तहखाना भी बनाया जा रहा है। करीब 50 फुट गहराई वाले इस तहखाने में लोगों के अर्पित सोने और चांदी के नाग जमा होते रहेंगे। स्वामी अमरदेव ने बताया कि 16 अगस्त तक सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। इसके बाद 25 अगस्त तक मंदिर में यज्ञ चलेगा और इसी दिन से मंदिर को आम लोगों के दर्शनों के लिए खोला जाएगा।
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