तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार (परस राम भारती):- जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में 9 जुलाई से हो रही भारी बारिश ,बाढ़ और भुस्खलन के कारण दूर दराज क्षेत्रों के लोगों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण कई रिहायशी मकान पूर्ण रूप से और कई आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए है। कई लोगों की मलकिती भूमि पूर्ण रूप से बाढ़ में बह गई है और कई लोग बेघर हो गए है। शासन प्रशासन द्वारा स्थिती को सामान्य करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है।
आपदा की इस घड़ी में कई स्वयंसेवी संस्थाएं प्रभावित लोगों तक राहत एवं खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने में मदद रही है। हालंकि कुछ क्षेत्रों में अब हालात धीरे धीरे सामान्य हो रहे हैं लेकिन कुछ स्थानों पर अभी भी स्थिती चिंताजनक बनी हुई है।
इसी कड़ी में मंगलबार को सहारा संस्था भी अन्य संगठनो के सहयोग से खण्ड बंजार की तीर्थन घाटी गुशैनी में बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद के लिए सहारा बन कर आगे आई है। सहारा संस्था को हिमालयन नीति अभियान, पीपल फ़ॉर हिमालियन डेवेलपमेंट, रॉयल एनफील्ड कम्पनी, एन्विरोनिक ट्रस्ट दिल्ली, हिमाचल प्रदेश मनरेगा कामगार संगठन, स्थानीय और जिला आपदा प्रबंधन के द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है।
सहारा संस्था के निदेशक राजेन्द्र चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि खण्ड बंजार में सहारा संस्था अन्य सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर आपदा प्रभावित परिवारों की मदद कर रही है। इनकी संस्था अभी तक डेढ़ सौ से अधिक प्रभावित परिवारों को दो दो कंबल और एक एक तिरपाल वितरित कर चुके हैं।
इन्होंने बताया कि तीर्थन घाटी में 35 बाढ़ प्रभावित परिवारों को सहारा संस्था और अन्य संस्थाओ के पदाधिकारी ने 35 तिरपाल पाल और 70 कंबल बांटे है। दो दिन पहले सैंज, रोपा, न्यूली, दरमेड़ा में भी राहत सामग्री बांटी गई है। ग्राम पंचायत शर्ची के बाद अब तीर्थन घाटी के कलवारी पेखडी और नोहांडा के लोगों को भी शीघ्र ही राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी।
इन्होंने बताया कि बंजार उपमंडल में फॉरेस्ट राइट एक्ट के तहत बनी वन अधिकार समितियों के 250 आपदा प्रभावित लोगों की सूची इनके पास है। इन सभी प्रभावित परिवारों को संस्था की तरफ से राहत सामग्री प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अन्य संस्थाओं के द्वारा भी इस कार्य में सहयोग दिया जा रहा है जिसमें कि उत्तराखंड की एक संस्था के द्वारा पात्र प्रभावित परिवारों को शैड बनाने के लिए भी मदद की जाएगी। जिसको लेकर संस्था ने 50 आपदा प्रभावित परिवारों की सूची तैयार की है।
इस अवसर पर हिमालय नीति अभियान के राष्ट्रीय संयोजक गुमान सिंह ठाकुर, सहारा संस्था के बोर्ड मेंबर हितेश्वर सिंह, मनरेगा एवं कामगार संगठन के प्रदेश सचिव अजीत राठौर, सहारा संस्था के सदस्य हरी सिंह ठाकुर, धनेश्वर डोड, राजू भारती, केशव राम ठाकुर व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
स्थानीय लोगों तारा देवी, राज देव, शारदा देवी, धर्म चन्द, लगन चांद, घानथू राम, रविन्द्र कुमार, हेम राज, चंदे राम, किशन देव, जोगिंदर सिंह, पदम देव, कुलदीप सिंह, भीमा देवी, राजकुमार, टेक राम, रमेश चन्द, महेन्द्र सिंह, तापे राम, उत्तम राम और जीत राम आदि का कहना है कि कुछ संस्थाओं द्वारा बांटी जाने वाली राहत सामग्री पात्र परिवारों तक नहीं पहुंच रही है। कई अपात्र लोग अपने आप को आपदा प्रभावित बता कर राहत सामाग्री ले रहे है जिस कारण असली पीड़ित व्यक्ति का हक छिन रहा है। लोगों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि जो भी संस्था यहां पर राहत सामग्री बांटने आए तो उन्हें तहसील कार्यलय से असल मायने में आपदा से प्रभावित लोगों की सूची उपलव्ध करवाई जाए।
Sahara Sanstha distributed relief material in Gushaini, voluntary organizations came forward for disaster affected people
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