सड़कों और राजमार्गों के निर्माण के दौरान अवैध डंपिंग को रोकने और जागरूकता अभियान चलाने के लिए कोर टीम का गठन किया गया है। कोर टीम में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल शक्ति विभाग, पुलिस विभाग, स्थानीय प्रशासन, पंचायती राज संस्थान और अन्य स्थानीय निकाय शामिल हैं।
एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर ने अवैध डंपिंग को रोकने हेतू गठित टीम के सदस्यों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि इस अभियान का उद्देश्य निर्माण कंपनियों, श्रमिकों, रेगुलेटरी अथॉरिटी और स्थानीय समुदायों के बीच अवैध डंपिंग के प्रतिकूल प्रभावों और अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व बारे में जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि अवैध डंपिंग के प्रति जागरूकता लाने के लिए जिला के साथ-साथ उपमण्डल स्तर पर भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। अभियान के दौरान एनफोरमेंट एजेंसियां सुनिश्चित करेंगी कि निर्माण अपशिष्ट प्रबंधन दिशानिर्देशों, अपशिष्ट पृथक्करण, रीसाइक्लिंग प्रक्रियाओं और उचित निपटान तकनीकों का पालन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सड़क के निर्माण के दौरान अवैध डंपिंग निर्माण कंपनियों व ठेकेदारों द्वारा अवैध रूप से मलबा डंपिंग करने से भूमि प्रदूषण, जलाशयों, ईको-सिस्टम सहित स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा श्रमिकों और आस-पास के लोगों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव प्रड़ता है।
एडीसी ने बताया कि नियामक प्राधिकरण अपशिष्ट प्रबंधन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करवाने के लिए समय-समय पर निर्माण स्थलों की निगरानी और निरीक्षण करेंगे ताकि अवैध डंपिंग पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने आमजन से आहवान किया है कि सड़कों और राजमार्गों के निर्माण के दौरान अवैध डंपिंग के मामलों की जानकारी जिला प्रशासन को देने के लिए दूरभाष नम्बर 01975-225045, 225046 तथा टोल फ्री नम्बर 1077 पर दी जा सकती है।
इस अवसर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव ऊना अनीता शर्मा, जिला पंचायत अधिकारी श्रवण कुमार, अधिषाशी अभियंता बलदेव सिंह, ईओ मैहतपुर बर्षा चौधरी, जेई हिमाचल प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड गुरमीत सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।
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