हिमाचल प्रदेश के नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तीन आउटसोर्स कर्मचारियों ने विभाग की सचिव पर गंभीर आरोप लगाए है। एनएचएम कर्मियों का कहना है कि हेल्थ सचिव ने 13 जून को ऑर्डर कर उन्हें घर पर काम के लिए तैनात किया। उनसे घर पर बर्तन मांजने व कपड़े धोने जैसे सभी काम करवाए गए। तीनों कर्मचारियों ने जब घर पर काम करने से इनकार किया तो अब उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। इसे लेकर डिप्टी मिशन डायरेक्टर ने अपने आदेशों में कहा कि तीनों का काम संतोषजनक नहीं था और हायर अथोरिटी के आदेशों पर इन्हें हटाया जाता है। हालांकि कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री के ध्यान में भी यह मामला लाया गया है इसके बाबजूद भी आउटसोर्स कर्मचारियों को राहत नहीं मिल पाई। मजबूरन आज तीनों कर्मचारी प्रदेश सचिवालय पहुंचे और मीडिया के सामने अपनी आपबीती सुनाई।
इसे लेकर जब सरकार का पक्ष जानने के लिए बार-बार स्वास्थ्य सचिव से मोबाइल पर संपर्क साधने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। स्वास्थ्य मिनिस्टर से भी संपर्क किया गया। मगर उनसे भी बात नहीं हो पाई।
दिव्यांग हूं, इसलिए 12 घंटे घर पर काम नहीं कर सकती: नीना
एनएचएम कर्मी नीना ने बताया कि 13 जून को ऑर्डर कर उन्हें सचिव के घर पर काम करने को बोला गया। मगर सुबह आठ से शाम आठ बजे तक 12 घंटे की ड्यूटी सचिव के घर पर देने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने बताया कि वह शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं और शिमला के लिए रोजाना 35 किलोमीटर सफर करके पहुंचती हैं। उनकी ड्यूटी एनएचएम की गाइडलाइन के हिसाब से दफ्तर में लगाई जाए।
घर पर काम करने से इनकार किया तो नौकरी से हटाया: अनिल
अनिल ने बताया कि उन्होंने सचिव के घर पर काम करने को इनकार किया है। इसके बाद उन्हें नई नौकरी देखने को बोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनके पेरेंट्स हार्ट के पेशेंट है। इसलिए 12 घंटे काम नहीं कर सकते। उन्होंने सीएम से भी दफ्तर में काम करने का आग्रह किया। मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
घर पर काम कराया, इसलिए बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगी: सोहन
सोहन लाल ने बताया कि तीन साल से सचिवालय में काम कर रहा हूं। अब उनकी ड्यूटी सचिव के घर पर लगाई। उन्हें सचिवालय के फोन करके सचिव के मैहली स्थित घर पर काम करने को बोला गया। इसलिए वह बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगा पाए। अब उन्हें नौकरी से निकालने के आदेश दे दिए गए हैं।
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