हिमाचल किसान सभा निरमण्ड ब्लॉक की बैठक मंगलवार को निरमण्ड कार्यालय में आयोजित हुई।बैठक में हाल ही मे हुई भारी बारिश के कारण जो नुकसान हुआ है उस पर चर्चा की गई तथा उपमण्डलधिकारी निरमण्ड के माध्यम से प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन दिया गया।
बैठक मे उपस्थित सदस्यों को सम्बोधित करते हुए किसान सभा निरमण्ड ब्लॉक के अध्यक्ष देवकी नंद व जिला महासचिव पूरण ठाकुर ने कहा कि जुलाई व अगस्त महीने मे हुई भारी बारिश से पूरे हिमाचल मे लगभग बारह हजार करोड़ का नुकसान अभी तक हुआ है।इसमें 365 लोगों की जान भी गई है।लगभग दो हज़ार घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा दस हजार से ज्यादा मकान को आंशिक क्षति हुई है तथा कई हजार पशु मरे व कई बीघा जमीन व फसल को नुकसान हुआ है।इस भारी बारिश से कई लोगों के घर बह जाने से लोग बेघर व भूमिहीन हो गए हैं लोगों ने अपने जीवन यापन के साधन खो दिए हैं जिससे गरीब लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने कहा कि निरमण्ड ब्लॉक में भी इस बारिश से काफी नुकसान हुआ है कई लोगों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं,कई लोगो के घरों को आंशिक रूप से क्षति हुई है, कई लोगों के गौ शेड,खेत पूरी तरह से नष्ट हुए हैं।जिसकी पूर्ति कर पाना बहुत ही मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश मे जिस तरह से नुकसान हुआ है प्रदेश सरकार के लिए इसकी भरपाई करना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि प्रदेश सरकार के पास इतने साधन नही है।इसलिए किसान सभा मांग करती है कि इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए या प्रदेश सरकार को एकमुश्त दस हजार करोड़ रुपये की राशि दी जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भी जिन लोगों का नुकसान हुआ है उनको अभी तक उस नुकसान का मुआवजा नहीं दिया गया है। केवल राहत के तौर पर कुछ रुपये,तिरपाल दिए गए हैं जो काफी नही हैं।इसलिए जिन लोगो का जो नुकसान हुआ है उसको मुआवजा तुरंत दिया जाए।
उन्होंने विपक्ष में बैठी भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल की पूरी मदद कर रही है जो कि केवल लोगो को गुमराह करना है। जो चार सौ करोड़ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिए हैं वह केवल राष्ट्रीय उच्च मार्गों को ठीक करने के लिए दिए हैं,राष्ट्रीय उच्च मार्गों व फोरलेन को ठीक करने की जिम्मेदारी तो केंद्र सरकार की ही होती है तो यह राहत राशि नहीं हो सकती है।अभी तक केंद्र सरकार से जो पैसा आया है वह केवल दो सौ करोड़ राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से आया है।
उन्होंने कहा कि जो ज्ञापन हमने प्रदेश सरकार को दिया है उसमें मुख्य रूप से हमारी मांग है कि निरमण्ड ब्लॉक में जिन लोगों का नुकसान जो भी हुआ है उनको तुरंत मुआवजा दिया जाए,जिन लोगो की जमीन पूरी तरह तबाह हुई है और उनके पास घर बनाने के लिए जमीन नही है उनको तीन बिस्वा जमीन घर बनाने को दी जाए,निरमण्ड ब्लॉक में बंद सड़कों, पानी की आपूर्ति तुरंत बहाल की जाए।
बैठक मे तय किया गया कि यदि प्रदेश सरकार व प्रशासन इन समस्याओं के समाधान के लिए कदम नहीं उठाएगी तो 20 सितम्बर को निरमण्ड में इन मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
बैठक मे कश्मीरी लाल,दुर्गा नंद,अनूप राम,रमेश कुमार,कांशी राम,तारा चंद,परस राम,नीरथ सिंह,भीम सैन, धर्म पाल,टेक चंद,सरोजनी,पुरवा देवी,दौलत राम,ओम प्रकाश,शीला,कृष्णा,सीता,फुला देवी,कुंदन,ठाकुर दास, गोविंद, मनोहर लाल,रीना देवी,मोती राम,आत्मा राम आदि शामिल थे।
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