तीर्थन घाटी के गुशैनी पुल के निर्माण कार्य में हो रही लेट लतीफी से स्थानीय लोगों में भारी रोष।

जिला कुल्लू उपमण्डल बंजार की तीर्थन घाटी में हजारों आबादी वाली पांच ग्राम पंचायतों को जोडने वाला गुशैनी पुल एक महीना बीत जाने के बाद भी अभी तक यातायात के लिए बहाल नहीं हो सका है। इसे ठेकेदार की नाकामी कहे या लोक निर्माण विभाग की उदासीनता। वहीं पर कई स्थानों में लोक निर्माण विभाग द्वारा दो -तीन दिन के अंदर  वैली ब्रिज भी बना कर जनता की सुविधा के तैयार किए गए है। लेकिन गुशैनी पुल के मुरम्मत का कार्य कछुए की गति से चला हुआ है।
तीर्थन घाटी की पांच ग्राम पंचायतों नोहांडा, शर्ची, तुंग, शिल्ही,और मशियार की करीब सात हजार जनता को इस पुल के कार्य में हो रही लेटलतीफी से अनेकों प्रकार की समस्या और परेशानियों का सामना करना पड रहा है।  कोई व्यक्ति बिमार हो जाता है तो मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने में दो गाडियों की व्यवस्था करनी पड़ रही  है। यदि किसी व्यापारी या अन्य लोगों द्वारा बंजार से कोई जरूरी भारी सामान याt खाद्य सामग्री लानी हो तो गुशैनी में एक गाडी से दूसरी गाडी मे शिफ्ट करने के लिए मजदूर को ढूंढना पडता है।अब आने वाले  कुछ ही दिनों में घाटी में सेब का सीजन भी शुरू होने बाला है।

स्थानीय ग्राम पंचायत तुंग के प्रधान घनश्याम ठाकुर, पूर्व उप प्रधान मशियार प्रकाश ठाकुर, लाल चंद, हेत राम,ओम प्रकाश, मेघ सिंह, अमर भारती, हरिश शर्मा, रमेश चंद, टेक राम, राम लाल, दलीप सिंह, शेर सिंह, भगवान दास, धर्म चंद और खीमे राम आदि का कहना है कि अभी तक इस पुल का कार्य बहुत ही धीमी गति से चला हुआ है। इन्होंने कहा कि ठेकेदार ने यहां पर कार्य करने के लिए बहुत कम मजदूर लगा रखे हैं जिस कारण कार्य को गति नहीं मिल रही है । इन्होंने शासन प्रशासन और लोक निर्माण विभाग के अधिकारिओं से आग्रह किया है कि इस पुल के कार्य करने की गति को बढाया जाए ताकि स्थानीय जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े ।

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