31 अगस्त।
A plan worth Rs 890 crore is ready to reduce the risk in disaster.
प्रदेश सरकार ने राज्य में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों और आपदा तैयारियों के दृष्टिगत 890 करोड़ रुपये का ‘हिमाचल प्रदेश आपदा जोखिम न्यूनीकरण और तैयारी कार्यक्रम’ बनाया है। फ्रांसीसी विकास एजेंसी के सहयोग से तैयार यह कार्यक्रम अप्रैल 2024 से आरंभ होगा और पांच वर्ष तक कार्यान्वित किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए आपदा और जलवायु जोखिम में कमी लाना है। इसमें आपदाओं का सामना करने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और शासन प्रणाली से संबंधित संरचनाओं का विस्तारीकरण शामिल है। भूस्खलन, आकस्मिक बाढ़, बादल फटने, ग्लेशियरों के पिघलने से बनने वाली अस्थायी झीलों के कारण बाढ़ और बांध सुरक्षा के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली का विकास भी शामिल है।
हिमाचल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) को मजबूत करने के साथ-साथ राज्य आपदा प्रबंधन संस्थान की स्थापना भी प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त, योजना में एक राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (ईओसी) और जिला-स्तरीय आपदा परिचालन केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। जंगल की आग के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए प्रस्तावित कार्यक्रम में अग्निशमन उपायों को कार्यान्वित करने के लिए भी रणनीति तैयार की गई है। अग्निशमन केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। भूस्खलन रोकने की योजना भी शामिल है।
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