5 अगस्त।
Whole family ill after eating Khichdi; One dead, three serious, know what is the whole matter.
खिचड़ी और दाल-चावल खाने से धर्मशाला शहर के एक नामी वकील की मौत हो गई, इतना ही नहीं पूरा परिवार ही जिंदगी और मौत के बीच में झूल रहा है। धर्मशाला के साथ लगते गांव घियाना कलां पंचायत के बरवाला के एक परिवार के छह लोगों के रात को खिचड़ी व दाल चावल खाने के बाद तबीयत खराब पर बुधवार रात को टांडा मेडिकल कालेज में आईसीयू मेंं उपचार के लिए भर्ती किया गया था । जिनमें से वकील अर्निश चौधरी की हालत बिगडऩे के बाद गुरुवार को मौत हो गई व उनकी पत्नी सुमन की हालत बेहद गंभीर हो गई है। उसे डीएमसी रैफर कर दिया है। अर्निश चौधरी के पिता महेंद्र सिंह उम्र 71 साल और उनकी पत्नी सुदर्शना आयु 70 साल की हालत भी नाजुक है और दोनों टांडा अस्पताल के आईसीयू में मौत से जंग लड़ रहे हैं। वहीं, उनके दोनों बच्चों की हालत अब खतरे से बाहर है।
बरवाला गांव के अर्निश चौधरी के परिवार ने बुधवार रात को खाना खाया और उसके बाद एक-एक करके परिवार के छह के छह लोगों की हालत खराब होने लगी। सभी को एक साथ ही उल्टियां होने लगीं। इसी बीच सभी लोगों को पड़ोसी टांडा मेडिकल कालेज ले आए । यहां पर डाक्टरों की टीम ने उनका इलाज किया और दवाई देकर घर भेज दिया। पर अचानक रात को इन सभी की तबीयत एक बार फिर खराब हो गई और फिर इन सभी को टीएमसी लाया गया। मेडिकल कालेज में पूरे परिवार की नाजुक हालत को देखते हुए डाक्टरों ने आईसीयू में भर्ती कर लिया। यहां पर इलाज के दौरान एडवोकेट अर्निश चौधरी की हालत ज्यादा खराब हो गई और उन्हें टांडा से भेज दिया। इस बीच एडवोकेट अर्निश की रास्ते में ही मौत हो गई।
रात को परिवार के जिन सदस्यों ने खिचड़ी खाई है, उनकी हालत ज्यादा खराब है और जिन्होंने दाल- चावल खाए हैं, उनकी हालत में सुधार हो रहा है। अब खिचड़ी और दाल-चावल से फूड प्वाइजनिंग कैसे हो गई, इसकी जांच में फोरेंसिक की टीम जुट गई है। मामले की जांच कर रहे मुख्य आरक्षी राजेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है। पुलिस ने घर का मुआयना कर खिचड़ी, चावल, दाल और आटे के सैंपल भर लिए हैं। उधर, टांडा मेडिकल कालेज के डाक्टर्स का कहना है कि जब तक फोरेंसिक की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक यह नहीं कहा जा सकता है कि यह फूड प्वाइजनिंग के कारण हुआ है।
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