शिमला में टाउन हॉल का फूड कैफे फिर से विवादों में,जानिए क्या है पूरा मामला ?



12 अगस्त 

Food Cafe of Town Hall in Shimla again in controversy, know what is the whole matter?

 शिमला में टाउन हॉल में बन रहे फूड कैफे विवादों से हटने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले भाजपा और माकपा पार्षदों ने यहां कैफे खोलने का विराध किया और अब यहां पर कैफे खोलने के बाद नियमों के उल्लंघन का विवाद जोर पकडऩे लगा है। हाल ही में हैरिटेज कमेटी ने इस कैफे का निरीक्षण किया था, जिसमें तय किया गया था कि गेट के पास बने आर्क पर नगर निगम शिमला लिखा होना चाहिए और एमसी का लोगों लगा होना चाहिए। कमेटी ने सख्त आदेश जारी किये थे कि आर्क पर एमसी का लोगों ही लगाएं, लेकिन हैरिटेज कमेटी के दौरे के दो दिन बाद ही कैफे के ठेकेदार ने हैरिटेज कमेटी के आदेशों का सरेआम उल्लंघन करना शुरू कर दिया है।

ठेकेदार ने एमसी को दौरे के दौरान आर्क पर रखने का अनुबंध किया था, लेकिन शुक्रवार को आर्क में फूड स्ट्रीट और शिमला हाई एंड कैफे लिख दिया गया है। जो कमेटी में बहस का कारण बन गया है। यह कमेटी का सरासर उल्लंघन है, जैसा कि कमेटी के सदस्यों ने स्पष्ट रूप से कहा है। यदि सामान्य ठेकेदार ही नगर निगम की निर्णयों को नहीं मानता, तो वह जल्दी ही इस टाउन हॉल पर कब्जा कर लेगा। कमेटी के सदस्य सरोज ठाकुर ने कहा कि हमने ठेकेदार को स्पष्ट रूप से कहा था कि आर्क पर सिर्फ शिमला नगर निगम और एमसी का लोगो होना चाहिए। लेकिन यहां पर, वे सिर्फ हैरिटेज कमेटी के निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं। निगम को इस पर निर्णय लेना होगा। साथ ही हेरीटेज कमेटी के सदस्य रामरत्न वर्मा ने कहा कि ठेकेदार को कमेटी के निर्देशों का पालन करना चाहिए। यहां पर, एमसी के लोगों और शिमला नगर निगम को लिखने की ही उनकी अनुमति थी, फिर भी वे ठेकेदार कमेटी के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं। गलत है। यदि कमेटी नगर निगम शिमला और एमसी का लोगो इस स्थान पर नहीं देख सकती, तो कमेटी के सभी सदस्य और पार्षद इसके खिलाफ नगर निगम हाउस में शिकायत करेंगे।

टाउन हॉल में फूड कैफे खोलने पर पहले भी पार्षदों ने इसका विवाद किया था। लेकिन बावजूद इसके भी यहां पर कैफे खोला गया। लेकिन उसके बाद पार्षदों ने शर्ते रखी थी कि इस दरहोर के सौंदर्य के साथ छेडक़ानी नहीं करनी चाहिए। लेकिन इस पर ठेकेदान ने कोई ध्यान ही नहीं दिया और बाहर एसी के बड़े बड़े यंत्र लगा दिये हैं। जिसको हटाने के लिए नगर निगम ने पहले भी आदेश दिये हैं। वहीं हेरिटेज कमेटी ने भी आदेश जारी किये थे कि इसे हटाया जाना चाहिए।


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