बिहार में होगी जातिगत गणना,पटना हाईकोर्ट ने रोक लगाने वाली सभी याचिकाएं की खारिज।

बिहार सरकार को पटना हाई कोर्ट से राहत मिली है। पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार द्वारा कराए जा रहे जातिगत सर्वे और आर्थिक सामाजिक सर्वेक्षण पर लगाई रोक को हटा दिया है। इसके साथ ही इस संबंध में दायर सभी याचिकाएं भी खारिज कर दी है। यह फ़ैसला हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थसारथी ने सुनाया।

पटना हाईकोर्ट ने जातिगत सर्वे पर लगाई थी अंतरिम रोक

इससे पहले सात जुलाई को इस मामले पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फ़ैसला सुरक्षित रखा था। इससे पूर्व पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के सर्वे कराने के निर्णय पर अंतरिम रोक लगाई थी। पटना हाईकोर्ट ने जातिगत गणना को असंवैधानिक मानते हुए इस पर अंतरिम रोक लगाई थी।

नीतीश सरकार जातिगत गणना कराने के पक्ष में

आपको बता दें कि नीतीश सरकार जातिगत गणना कराने के पक्ष में रही है. नीतीश सरकार 18 फरवरी 2019 और फिर 27 फरवरी 2020 को जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और विधान परिषद में पास करा चुकी है। इसके बाद बिहार में पहले चरण की जातिगत गणना 7 जनवरी से 21 जनवरी के बीच हुई। वहीं, दूसरे चरण की गणना 15 अप्रैल को शुरू हुई थी जिसे 15 मई तक संपन्न किया जाना था।

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