दसवीं के फर्जी सर्टिफिकेट पर कर ली नौकरी, शिमला मंडल के नौ डाक सेवक किए बर्खास्त।



8 अगस्त

Job done on fake certificate of tenth, nine postal servants of Shimla circle were dismissed. 

 फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी हासिल करने वाले नौ और डाक सेवकों को बर्खास्त किया गया है। सभी शिमला डाक मंडल में नौकरी कर रहे थे। आरोपी हरियाणा के जींद के रहने वाले हैं। दसवीं के फर्जी सर्टिफिकेट पर काम करने वाले नौ डाक सेवकों को निकाला गया है। शिमला डाकघर में सभी काम करते थे। आरोपी जींद, हरियाणा के निवासी हैं। बीते दिन भी फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी पाने के तीन मामले पकड़े गए थे। ये तीनों डाक सेवक भी यूपी और हरियाणा से थे। माना जाता है कि आरोपियों को शिमला डाक मंडल के सब डिवीजन चौपाल और रोहड़ू की कई शाखाओं में नियुक्त किया गया था।

सब लोग एक से पांच वर्ष तक काम करते रहे। सानू ने कोटखाई के गुम्मा, साहिल ने भी गुम्मा, विक्रम ने बखोल, राकेश ने नागन, राकेश ने मतियाना के केलवी, रवि कुमार ने क्यारी के गलेहा, सुशील ने नेरवा के मधाना, अमन ने टिक्कर के डरारा, विकास ने धामी शाखा में काम किया। जांच में पता चला कि उनके दसवीं कक्षा के सर्टिफिकेट फर्जी थे। आरोपियों के फर्जी सर्टिफिकेटों में 600 में से 588 से 591 अंकों की सूची थी।

इस मामले में अतिरिक्त जांच पुलिस को दी गई है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों से फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले माफिया के तार हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि 2018 से 2022 तक, डाक विभाग दिल्ली मुख्यालय ने हिमाचल प्रदेश के कसुम्पटी स्थित डाक मंडल कार्यालय को माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज से दसवीं कक्षा के प्रमाण पत्रों के आधार पर चयनित सभी अभ्यार्थियों के सर्टिफिकेट जांचने का आदेश दिया था। डाक मुख्यालय दिल्ली ने प्रयागराज पोस्ट मास्टर जनरल को जांच अधिकारी बनाया था। जब सब सर्टिफिकेटों की जांच की गई, तो वे सभी फर्जी निकले। शिमला जिले में फर्जी सर्टिफिकेट के 12 मामले सामने आने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसे मामले होने की आशंका बढ़ी है। 
2018 से 2022 तक माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज से दसवीं के सर्टिफिकेटों के आधार पर नौकरी हासिल करने वालों के प्रमाण पत्रों की जांच की गई है। 12 प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। सभी आरोपियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। जालसाजी से प्रमाण पत्र बनाने पर आगे की जांच पुलिस को सौंपी गई है। - विकास नेगी, प्रवर डाक अधीक्षक शिमला मंडल

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