चूली छो में तीर्थीयों ने किया हवन पाठ, दिवगंत आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति हेतु भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित

 तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार (परस राम भारती):- तीर्थन घाटी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क प्रवेश द्वार चूली छो के पास करीब दो माह पहले कर्नाटक राज्य की एक महिला पर्यटक किरन वापना पैर फिसलने के कारण तीर्थन नदी के तेज बहाव में बह गई थी। जिस कारण उसकी मृत्यु हो गई थी। 

इस महिला पर्यटक की तीर्थन नदी में तलाश के लिए प्रशासन द्वारा विशेष सर्च टीम का गठन करके तलाशी अभियान चलाया गया था। इसकी तलाशी में मिल्ट्री कमांडो, पैरा मिलिट्री जवान, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड और स्थानीय युवाओं की टीमें करीब एक माह तक तलाशी अभियान में जुटी रही। लेकिन तीर्थन नदी में बही इस महिला पर्यटक का एक माह बीत जाने तक कोई सुराग नहीं लग पाया था।

वहीं 9 और 10 जुलाई को तीर्थन नदी में आई भयंकर बाढ़ के बाद 15 जुलाई को इस महिला का शव रोपा के पास रियूनी नामक स्थान पर तीर्थन नदी के किनारे से एक स्थानीय व्यक्ति की सुचना पर पुलिस ने बरामद कर लिया था। शव का पोस्टमार्टम करने के बाद इसे परिजनों को सौंप दिया गया।

इसी सिलसिले में तीर्थन घाटी के पवित्र देव स्थल चूली छो में सोमवार को यहां के तीर्थीयों ने महिला पर्यटक की अकाल मृत्यु होने पर हवन पाठ का आयोजन किया और उसकी दिवंगत आत्मा को शान्ति एवं मोक्ष प्राप्ति हेतु भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की है।

 यह हवन पाठ यहां के स्थानीय रीति रिवाज, हिन्दू धर्म संस्कृति और मान्यता के आधार पर किया गया जिसमें देव संस्कृति से जुड़े घाटी के समस्त कारकून और तिरथी मौजुद रहे। 

मृतक महिला के परिवार की तरफ से स्थानीय युवा महेश ठाकुर ने इस पूजा पाठ में दान दक्षिणा की प्रक्रिया को परंपराओं के अनुसार पूर्ण किया है। इसके बाद लोगों द्वारा स्थानीय देवी देवताओं के कहे अनुसार इस स्थान पर विधि अनुसार हवन पाठ की प्रक्रिया को पूर्ण करके इस स्थल को पवित्र किया है जिसमें घाटी के सभी तीर्थियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर देवता कमेटी के अध्यक्ष पदम सिंह, सचिव रमेश ठाकुर, सदस्य रामकृष्ण, महेश ठाकुर, बुधराम, मनसा राम, रामसिंह, मोतीराम, एलुराम, चुनी लाल, दविंदर, योगराज, कारदार संघ गुशैनी के अध्यक्ष संगत राम, मुरारी लाल, नरोत्तम सिंह, पदम देव गुर व अन्य लोग विशेष रूप से उपस्थित रहे।

Pilgrims performed Havan recitation in Chuli Chho, paid soulful tribute for the peace and salvation of the departed soul

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