विद्युतीकरण को लेकर उत्तर रेलवे अंबाला मंडी की ओर से तैयार करवाई गई हेरिटेज इंपेक्ट असेस्मेंट रिपोर्ट में रेललाइन के विरासत स्वरूप से छेड़छाड़ न करने की हिदायत दी गई है।
विश्व धरोहर कालका-शिमला रेललाइन का विद्युतीकरण नहीं होगा। विद्युतीकरण को लेकर उत्तर रेलवे अंबाला मंडी की ओर से तैयार करवाई गई हेरिटेज इंपेक्ट असेस्मेंट (एचआईए) रिपोर्ट में रेललाइन के विरासत स्वरूप से छेड़छाड़ न करने की हिदायत दी गई है। एचआईए रिपोर्ट में अगर विधुतीकरण को हां होती तो उसके बाद उसी रिपोर्ट के आधार पर यूनेस्को से विद्युतीकरण की मंजूरी ली जानी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि विद्युतीकरण से लाभ कम और नुकसान अधिक होगा। कालका-शिमला के बीच गाड़ियों की गति बढ़ाने और प्रदूषण खत्म करने के मुकाबले विद्युतीकरण से दीर्घकालिक नुकसान अधिक होंगे।
ट्रैक की विरासत संरचनाओं पर नकारात्मक असर पड़ेगा। रिपोर्ट में 120 साल पुरानी इस रेल लाइन को संरक्षित करने की सलाह दी गई है। दो माह के अध्ययन के बाद तैयार की गई रिपोर्ट में हेरिटेज इमारतों, संरचनाओं, स्टेशनों और सुरंगों पर विद्युतीकरण के लिए इस्तेमाल होने वाली ओवरहेड लाइनों और उपकरणों से नुकसान का अंदेशा जताया गया है। रिपोर्ट में प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए हाइड्रोजन फ्यूल या इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी से चलने वाली गाड़ियों के संचालन की सिफारिश की गई है।
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