दिल्ली साइबर धोखाधड़ी पर सरकार का प्रहार नहीं मिलेंगे थोक में सिम, डीलरों का रजिस्ट्रेशन व सत्यापन अनिवार्य


 ABD NEWS नई दिल्ली : साइबर अपराध पर सरकार का प्रहार जारी है। इस दिशा में वीरवार को इलेक्ट्रानिक्स व आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दो घोषणाएं कीं। पहली घोषणा के तहत सिम बेचने वाले सभी डीलरो का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। सभी डीलरों का टेलीकाम सेवा प्रदाता कंपनियां (टीएसपी) इस प्रकार से सत्यापन करेंगी कि उन पर कोई संदेह नहीं रह जाए। सिम विक्रेता अगर नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें 10 लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ेगा। डीलरों के लिए नए नियम इसलिए भी लाए जा रहे हैं क्योंकि पिछले तीन महीनों में 67 हजार सिम डीलरों को काली सूची में डाला गया है। इससे जाहिर होता है कि सिम की बिक्री में डीलरों के स्तर पर गंभीर रूप से लापरवाही होती है। अभी देश में 10 लाख सिम डीलर हैं। पुराने डीलरों को भी रजिस्ट्रेशन, कराना होगा और टीएसपी उन्हें सत्यापित करेगी। 

वैष्णव ने दूसरी घोषणा की कि साइबर फ्रॉड रोकने के लिए सिम की थोक बिक्री खत्म की जा रही है। इसकी जगह बिजनेस कनेक्शन दिए जाएंगे। इसे लेने के लिए पैन, जीएसटी नंबर जैसे दस्तावेज के जरिये पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिजनेस कनेक्शन के तहत जिन लोगों को सिम दिए जाएंगे, उनका भी अनिवार्य रूप से केवाईसी (नो योर कस्टमर) कराना होगा। उन्होंने बताया कि अभी सिम की थोक खरीदारी कर उसे सिम बाक्स में डालकर आटो काल किया जाता है और उसके जरिये फ्राड किए जाते हैं। इस फैसले से आटो काल का खेल खत्म हो जाएगा। डीलरों के पंजीयन व सत्यापन के साथ सिम की थोक बिक्री बंद करने का फैसला एक अक्टूबर से लागू होने की उम्मीद है। जल्द ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। नियमों के अनुपालन के लिए डीलरों को छह महीने का समय दिया जाएगा। हालांकि अब भी एक व्यक्ति अपने नाम पर अधिकतम नौ सिम ले सकेगा। मोबाइल नंबर बंद होने या किसी उपभोक्ता द्वारा सिम को सरेंडर करने की स्थिति में तीन महीने तक वह नंबर किसी अन्य व्यक्ति को आवंटित नहीं किया जाएगा। किसी अन्य व्यक्ति को वह नंबर जारी किए जाने के बाद 24 घंटे तक उससे न तो एसएमएस भेजा जा सकेगा और न ही काल का आदान-प्रदान हो सकेगा। अपना सिम लौटाने वाले उपभोक्ता को भी केवाईसी कराना होगा।

वैष्णव ने बताया कि साइबर फ्राड रोकने लिए इस साल मई में संचार साथी पोर्टल लांच किया गया था और उसका फायदा यह हुआ कि लाखों की संख्या में फर्जी नंबर का पता चला। तीन महीनों में 52 लाख मोबाइल फोन कनेक्शन काटे गए। 66 हजार वाट्सएप अकाउंट बंद किए गए, क्योंकि वाट्सएप काल के जरिये भी फ्राड किया जा रहा है। आठ लाख पेमेंट वैलेट को ब्लाक किया गया। संचार साथी पोर्टल पर दी गई सुविधा की मदद से चोरी या गुम होने वाले मोबाइल फोन बड़ी संख्या में बरामद किए जा रहे हैं। चोरी या गुम होने वाले तीन लाख मोबाइल फोन उनके मालिकों को लौटाए गए हैं। 17 हजार मोबाइल हैंडसेट ब्लाक किए गए हैं। संचार साथी पोर्टल की मदद से साइबर फ्राड के 300 मामलों में एफआइआर भी दर्ज की गई है


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