भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)लोकल एरिया कमेटी रामपुर प्रदेश में लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण जान माल की भारी क्षति पर गम्भीर चिंता व्यक्त की है तथा केंद्र सरकार से पुरजोर मांग करती है कि इस आपदा से पैदा हुई भयावह स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस त्रासदी को *"राष्ट्रीय आपदा"* घोषित किया जाए और राहत व पुनर्वास के लिए राज्य को उदार सहायता प्रदान करे। पार्टी जिन लोगों की इस आपदा में जान गई है उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करती है तथा जिन लोगों के मकान गिर गए हैं व अन्य किसी प्रकार का नुकसान हुआ है उनके लिए सरकार से मांग करती है कि उनके पुनर्वास के लिए तुरन्त कदम उठाए तथा उचित राहत प्रदान करे। जो लोग अभी भी इस आपदा के चलते कही लापता हैं तो उनको ढूंढने के लिए सेना, एनडीआरएफ व अन्य विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद ली जाए।
भारी वर्षा का सिलसिला अभी भी जारी है तथा जुलाई माह से अभी तक भारी वर्षा के कारण इस आपदा के चलते समूचे प्रदेश में जान माल की भारी क्षति हुई है। सरकार के प्रारंभिक आंकलन के अनुसार अभी तक प्रदेश में 8000 करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ है और 260 से अधिक लोगो की जाने चली गई है। इसके अतिरिक्त 1400 के करीब लोगों के घर पूर्ण रूप से ध्वस्त हुए हैं और 7950 के करीब मकानों को नुक़सान हुआ है। प्रदेश मे लगभग सभी राष्ट्रीय उच्च मार्ग व संपर्क मार्ग भूस्खलन की चपेट में आए हैं और बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं।अभी भी कई क्षेत्रों का संपर्क टूटा होने के कारण इस आपदा से हुए नुकसान का पता नही चल पा रहा है। इस आपदा से वास्तविक नुकसान इस प्रारंभिक आंकलन से काफी अधिक होगा और राज्य सरकार के पास संसाधनों के अभाव में प्रदेश को इससे उभारने में कई वर्ष लग सकते है। प्रदेश में इस आपदा से परिवहन, पेयजल आपूर्ति योजनाएं, जलविद्युत परियोजनाएं, मोबाईल व अन्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
प्रदेश भर में इस आपदा के चलते परिवहन के एकमात्र विकल्प सड़कों व पुलों को भारी क्षति हुई है। इससे प्रदेश में सभी राष्ट्रीय उच्च मार्ग व सम्पर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं। आज भी प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उच्च मार्ग जो प्रदेश को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ते हैं सुचारु रूप से नहीं चल रहे हैं और अधिकांश समय भूस्खलन के चलते बंद हो रहे हैं। जिससे विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में आज आवश्यक वस्तुओ जिसमें राशन, दूध, ब्रेड , रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल, व अन्य आवश्यक वस्तुओ की आपूर्ति प्रभावित होने से इनकी कमी महसूस की जा रही है। सरकार युद्धस्तर पर सभी मार्गों की मुरम्मत कर परिवहन सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने का कार्य करे ताकि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओ की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
सड़को के क्षतिग्रस्त होने से कृषि , बागवानी व पर्यटन उद्योग को भारी क्षति हुई है। लगभग एक माह से अधिक समय से भारी वर्षा के चलते पैदा हुई आपदा से प्रदेश में पर्यटकों का आना बंद हो गया है। जिससे पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी होटल, टुअर व ट्रेवल, ढाबा संचालक व इससे जुड़े सभी कारोबारियों व कर्मियों के रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है।इसके साथ ही प्रदेश के लगभग सभी जिलों में किसानों की भूमि व इसमें खड़ी फसले भारी वर्षा के कारण बर्बाद हो गई है। बागवानी क्षेत्र मे भारी क्षति हुई है और काफ़ी बागवानों के सेब व अन्य फलों के बगीचे बह गए हैं।
किसान बागवान अपने उत्पाद मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं जिसके चलते काफ़ी सारी सब्जियों व फलों की तैयार फसल खेतो मे ही सड़ रही है और किसानो व बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार इस नुकसान का शीघ्र आंकलन कर इन्हे उचित मुआवजा प्रदान करे।
सीपीएम प्रदेश के सभी राजनैतिक दलों से आग्रह करती है कि सभी को मिलकर इस आपदा के समय में एकजुट होकर मुकाबला करने की आवश्यकता है। पार्टी जनता से भी अपील करती है कि इस आपदा व संकट की घड़ी में आपसी सहयोग व सदभाव से एक दूसरे की सहायता कर इसका मुकाबला करे। पार्टी ने सभी कमेटियों व इकाइयों से आह्वान किया है कि इस आपदा की घड़ी में जनसहयोग से प्रभावितों की हर संभव मदद की जाए।
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