यह मंजर सुबह 7:00 से लेकर 10:00 बजे तक का था, जिसमें कई लोग पानी में फंस भी गए। हालांकि अन्य लोगों ने इन्हें सुरक्षित बचा लिया। खड्ड से सटे दोनों तरफ के दर्जनों गांवों खासकर मैदानी क्षेत्र में पांच से सात फीट तक पानी भर गया। नेरचौक मेडिकल कॉलेज परिसर में भी जलभराव के साथ मलबा आ गया। इससे मरीजों को परेशानी हुई।
जलभराव के बीच रत्ती के दो पंप ऑपरेटरों को एक शिक्षक ने बचाया। कई शिक्षण संस्थानों में पानी भर गया। नेरचौक मुख्य बाजार में ही 50 से अधिक घर और दुकानें पूरी तरह से डूब गईं। सुकेती खड्ड का पानी पुल के ऊपर से गुजर गया। निजी और सरकारी संपत्ति को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
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