अखण्ड भारत दर्पण (ABD) न्यूज पंजाब : सतलुज दरिया में जल स्तर कम होने से दरिया के किनारे बसे गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है। इसके बावजूद अभी तक खतरा पूरी तरह से टला नहीं है और जिला प्रशासन और संबंधित विभाग अलर्ट पर है। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बरसात और बांध से पानी छोड़ने की वजह से पिछले सप्ताह से दरिया के किनारे बसे गांवों में दोबारा बाढ़ का खतरा पैदा हो गया था। इसे देखते हुए सभी संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा गया था और स्टाफ की छुट्टियां भी रद कर दी गई थी। अब धीरे-धीरे जलस्तर कम हो रहा है तो लोगों की सांस में सांस आ रही है। इस मानसून सतलुज दरिया में दूसरी बार जलस्तर बढ़ने से कई इलाके पानी में डूबे हैं और शाहकोट-लोहियां इलाकों में काफी नुकसान झेलना पड़ा है। हजारों एकड़ में धान की फसल बर्बाद हुई है। एक बार बाढ़ से हुए नुकसान के बाद लोग दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने होने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन जल स्तर बढ़ने से इसमें रुकावट आई थी। अगले कुछ दिनों में प्रशासन को पूरी तरह से मुस्तैद रहना पड़ेगा ताकि बाढ़ का खतरा बने तो लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। सतलुज दरिया पर लोहिया में जो दरार आई थी, उसे भी सरकारी विभागों और संत बलबीर सिंह सीचेवाल के कार सेवकों ने हाल ही में भरा है और इससे लोगों को राहत मिली है।
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