10 अगस्त।
Government alert regarding jaundice and diarrhea in Himachal Pradesh, Sukhu instructed to collect samples and investigate.
हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे पीलिया और डायरिया के मामलों को लेकर प्रदेश सरकार ने अलर्ट हो गई है। प्रदेश सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों, अस्पताल प्रशासन और जिला चिकित्सा अधिकारियों को प्रर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध रखने को कहा है। प्रदेश सरकार बढ़ते पीलिया और डायरिया के मामलों को लेकर अलर्ट हो गया है। दैनिक रूप से पांच से सात मरीजों में जलजनित बीमारी की पुष्टि होती है। प्रदेश सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों, अस्पताल प्रशासनों और जिला चिकित्सा अधिकारियों से कहा है कि वे पर्याप्त मात्रा में दवा रखें।जल शक्ति विभाग को भी पानी की जांच करने के निर्देश दिए हैं। जहां पानी पीने योग्य नहीं है, वहां सूचना पट्टिका लगाने के लिए कहा है।
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) और शिमला, कांगड़ा के टांडा, हमीरपुर, नेरचौक, चंबा और नाहन मेडिकल कॉलेज के अलावा जिला अस्पतालों में जलजनित रोगों से बचने के लिए कहा गया है। डाक्टर मरीजों को ओपीडी में जागरूक कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि डायरिया का जीवाणु शरीर में गंदे पानी से आता है। यही कारण है कि पीलिया के बाद डायरिया होने का खतरा रहता है। इसलिए, डॉक्टरों ने पीलिया ठीक होने के बाद भी सतर्क रहने की सलाह दी है। डायरिया का बैक्टीरिया शरीर पर पीलिया से पहले भी आ सकता है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने लोगों को फिल्टर पानी उपलब्ध कराने की पहल शुरू की है। राजभवन शिमला के नजदीक पानी फिल्टर करने के लिए उपकरण स्थापित किया जा रहा है। इस टैंक से छोटा शिमला और आसपास के क्षेत्रों के लिए पानी की आपूर्ति होती है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी पानी के फिल्टर करने की योजना शुरू की जानी है।
शरीर का तापमान कम होने से उल्टी और दस्त होते हैं। इसके अधिकांश शिकार बच्चे और बुजुर्ग हैं। डायरिया होने के कई कारण हैं। पीलिया से पीड़ित व्यक्ति का पाचन तंत्र प्रभावित होता है। इससे उसके शरीर में कुछ टिक नहीं मिलता, और उसके शरीर में बहुत कम पानी होता है। ऐसे में वह भी डायरिया का शिकार होता है। बचाव के लिए ठंड से बचना आवश्यक है। डायरिया का बैक्टीरिया दूषित पानी पीने से शरीर में आता है। इसलिए पानी उबालकर उसे पी जाएगा। हल्का भोजन और तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें।
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