ABD NEWS न्यूज़ दिल्ली : आम आदमी
पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के पर अब विशेषाधिकार हनन के अलावा एफ़आईआर का भी ख़तरा मंडरा रहा है। सूत्रों के मुताबिक़ राघव चड्ढा की ओर से दिल्ली के अफ़सरों की ट्रांसफर पोस्टिंग का बिल सिलेक्ट कमिटी को भेजने के प्रस्ताव पर अन्य सांसदों के नाम शामिल किए गए थे। दरअसल, राज्यसभा की कार्रवाई के दौरान जब दिल्ली के अफ़सरों की ट्रांसफर पोस्टिंग का बिल पास किया जा रहा था, उसी दौरान राघव चड्ढा की ओर से इस बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजने का प्रस्ताव दिया गया।
अब इस मामले में फर्जीवाड़ा का एंगल सामने आया है, अगर ये फर्जीवाड़ा राज्यसभा चेयर की जांच में सही पाया गया तो राघव चड्ढा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज कराई जा सकती है। अगर उनके हस्ताक्षर फ़र्ज़ी पाए गए तो ऐसी सूरत में सभी सांसदों सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, सस्मित पात्रा, पी कॉन्यक और थम्बी दुराई की ओर से सभापति को राघव चड्ढा के ख़िलाफ़ फर्जीवाड़ा के मामले में एफ़आईआर दर्ज कराने की शिकायत दी जाएगी। फ़िलहाल इस मामले में राज्यसभा सचिवालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
ब्रावो और चड्ढा ने यह प्रस्ताव सलेक्ट कमेटी में भेजने के लिए प्रस्ताव की कॉपी राज्यसभा सचिवालय को सौंपी थी। उसकी जांच के बाद ये पता लगाया जाएगा कि इस प्रस्ताव पर सांसदों के हस्ताक्षर हैं या नहीं है। अगर हस्ताक्षर फ़र्ज़ी पाए गए तब फिर इन तमाम सांसदों सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, सस्मित पात्रा, पी कॉन्येक और थम्बी दुराई की ओर से विशेषाधिकार हनन के अलावा एफआइआर दर्ज करने की इजाज़त मांगी जाएगी। अगर चेयर की तरफ़ से इन सांसदों को राघव चड्ढा के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज करने की इजाज़त मिल गई तो फिर ये सांसद संसद मार्ग थाने में आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा के ख़िलाफ़ फर्जीवाड़ा करके प्रस्ताव पेश करने की शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऐसी सूरत में राघव चड्ढा की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। इस दौरान न केवल उनके सिर पर विशेषाधिकार हनन की तलवार लटक रही है बल्कि उनके ऊपर एफ़आईआर भी दर्ज की जा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो विशेषाधिकार हनन के मामला साबित होने पर उनकी सदस्यता तो जाएगी ही पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद अगर सही पाया गया तो कोर्ट से उन्हें सजा भी दी जा सकती है।
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