Una News: प्राथमिक स्कूलों में संस्कृत पढ़ाने से अध्यापकों ने खड़े किए हाथ

ऊना। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला ऊना की शनिवार शाम को प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक के साथ हुई बैठक में शिक्षकों सांस्कृतिक विषय पढ़ाने से लगभग हाथ खड़े कर दिए हैं। बैठक में विद्यालयों में गुणात्मक शिक्षा देने और शिक्षकों हितों से जुडे मुद्दों पर भी गंभीरता से चर्चा की गई।
बैठक में प्राथमिक शिक्षक संघ जिला ऊना के अध्यक्ष राकेश चंद्र शर्मा ने कहा कि जिला में कई विद्यालय एकल अध्यापक और बिना अध्यापकों के चल रहे हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को गुणात्मक शिक्षा दे पाना मुश्किल है। संस्कृत विषय की शिक्षा दे पाना असंभव है। क्योंकि पहले ही प्राथमिक विद्यालय अध्यापकों की कमी से जूझ रहे हैं।
संघ ने कहा कि अध्यापकों का स्थानांतरण नियमानुसार करने, मिड-डे मील गुणात्मकता की बात विभाग की ओर से की जा रही है। मगर चावल का कोटा और राशन खरीदने की राशि समय पर नहीं मिल रही है। अध्यापक अपनी जेब से रुपये खर्च रहे हैं। इस दौरान मिड-डे मील के मेन्यू पर भी विस्तार से चर्चा की गई। खंड अंब और गगरेट-दो के विद्यालय में कुछ समय बाद बार-बार चावलों की दिक्कत आ रही है।
संघ सदस्यों ने केंद्रीय मुख्य शिक्षकों की पदोन्नति नियमित आधार पर करने और जेबीटी शिक्षकों के खाली पदों को शीघ्र भरने की मांग को भी प्रमुखता से उठाया गया। इस दौरान यूडीआईएसई फॉर्म को ऑनलाइन भरने का भी विरोध किया। क्योंकि प्राथमिक विद्यालयों में कंप्यूटर और इंटरनेट की कोई सुविधा नहीं है। इसके अलावा स्कूलों में आई हुई ग्रांट्स खर्च करने की समय अवधि को बढ़ाने की भी मांग की गई।
बैठक में जिला महासचिव सतिंद्र मिन्हास, जिला उपप्रधान सुभाष सैनी, खंड प्रधान जगदेव जग्गी, महेश शर्मा, विजय शर्मा ,कपिल शर्मा, कुलदीप कंग, सुनीता शर्मा, वरिंद्र ठाकुर, सुरिंदर धीमान, रजनीश शर्मा ,पुष्पिंदर कंग आदि मौजूद रहे।
बैठक में शिक्षक संघ की ओर से उठाई गई मांगें काफी हद तक जायज हैं। मांगों को उच्चाधिकारियों के समक्ष उठाकर इनका समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।


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