निरमण्ड खण्ड के अंतर्गत ब्रौ से चकलोट सडक़ तीन माह से बाधित है। ऐसे में इस सडक़ के बंद होने से चार पंचायतों के ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि सडक़ बाधित होने से बसों की आवाजाही पूरी तरह से बाधित है। जिस कारण मजबूरन ग्रामीणों को छोटी गाडिय़ों में सफर करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि केंपरों में बोरियों की तरफ सवारियों को ढोया जा रहा है। जिस कारण कभी भी हादसा हो सकता है। लेकिन इस बात से प्रशासन सहित पुलिस पूरी तरह से बेखबर है। बताते चले कि जुलाई माह के शुरूआत में भारी बारिश से ब्रौ से चकलोट सडक़ जगह जगह से टूट गई थी। जिसे अभी तक ठीक नहीं किया गया है। छोटी गाडिय़ां जैसे तैसे तो निकल रही है लेकिन बड़े वाहन निकलना फिलहाल मुश्किल है। ऐसे में इस सडक़ के बंद होने से चार पंचायतों ब्रौ, पोशना, बाड़ी, तुनन के दर्जनों गांव के लोगों को तीन माह से खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। पोशना पंचायत के पूर्व उप प्रधान सुरेश चंद ने कहा कि सडक़ की हालत खासी दयनीय बनी हुई है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग अभी भी इस सडक़ को खोलने के लिए कोई खास दिलचस्पी नहीं ले रहा है। जहां पर सडक़ क्षतिग्रस्त हुई है वहां पर कछुआ गति से काम चल रहा है। इस क्षेत्र से संबंध रखने वाले महेश, सुरेंद्र, दीपक, कांता देवी, सुखराम, देशराज, सुरमी देवी, राधा देवी, सुरेखा, लता, महेश्वरी, सुधा, मेनका, गुरूदास, अनिल, तिलक, पवन का कहना है कि सडक़ न खुलने से मजबूरी में उन्हें छोटी गाडिय़ों में ज्यादा किराया देकर सफर करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां कि स्थिति ऐसी हो गई है कि छोटे वाहनों के चालक सवारियों को ढोने के लिए एक दूसरे से लड़ते देखे जाते है। यहां तक कि कई मर्तबा सडक़ में पास को लेकर भी हाथापाई हो चुकी है।
तीन माह से चकलोट में फंसी है हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस।
इस सडक़ के बंद होने से न केवल ग्रामीण परेशान है बल्कि एचआरटीसी को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। करीब तीन माह से एचआरटीसी की बस चकलोट में फंसी हुई है। यह बस तभी निकल सकती है जब ब्रौ से चकलोट की 13 किमी की सडक़ वाहनों के लिए खुल जाएगी।
वही लोक निर्माण विभाग, ब्रौ सब डवीजन के सहायक अभियंता ने बताया कि ब्रौ से चकलोट सडक़ को खोलने के लिए प्रयास किए जा रहें है।उन्होंने बताया कि क्षतिग्रस्त हुई सडक़ में डंगे लगाए जा रहें है।
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