गगरेट: हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार गगरेट में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के सीआईडी एडीशनल एसपी रजिंदर जसवाल की अगुवाई में टीम ने वीरवार देर रात दबिश देकर बड़ी मात्रा में नशीली दवाइयां पकड़ीं। इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पिछले लंबे अरसे से गगरेट में दत्ता मेडिकल स्टोर के नाम से गगरेट का एक दवा तस्कर नशीली दवा मंगवा रहा था जिसे पकड़ने के लिए यह पूरा जाल बिछाया गया था। टीम ने 2 बड़े पार्सल बॉक्स से 144 डिब्बे प्रतिबंधित दवाई के पकड़े हैं, जिसमें प्रत्येक डिब्बे में 240 गोलियां हैं। इस हिसाब से कुल 34560 गोलियां बरामद की गईं। एंटी नारकोटिक्स टीम के इस विशेष ऑप्रेशन को गुप्त तरीके से अंजाम दिया गया। इस विशेष मुहिम के तहत एएनटीएफ ने पंजाब के नंगल से इस ट्रांसपोर्ट की गाड़ी का पीछा कर रंगे हाथ पकड़ने के लिए तब तक इंतजार किया जब तक गगरेट में माल उतारने के लिए व इस नशे की खेप की कंसाइनमैंट को कोई लेने नहीं आया और जैसे ही वह माल दूसरी गाड़ी में ले जाने के लिए डाला तो टास्क फोर्स ने गाड़ी को रोककर तलाशी ली जिसमें बड़ी मात्रा में प्रोक्सिवन स्पास नामक दवा निकली जोकि पूरी तरह से प्रतिबंधित है जिसकी कीमत बाजार में लाखों रुपए में आंकी जा रही है।
इसे ट्रांसपोर्ट में बुक करवाने के लिए भी जाली दस्तावेजों के सहारे जाली एड्रैस का सहारा लिया गया था। यह कंसाइनमैंट भेजने वाली कंपनी का नाम जन प्रिया फार्मा जनकपुरी पुरानी सब्जी मंडी दिल्ली के नाम से रजिस्टर्ड है। ऐसा माना जा रहा है कि गगरेट के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में भी ये ड्रग तस्कर लम्बे समय से नशीली दवाइयों का व्यापार कर रहा है। हालांकि अभी इस मामले में इसका एक गुर्गा ही पुलिस के हाथ आया है और जल्द ही इसका पूरा नैटवर्क एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स द्वारा तोड़ा जा सकता है। आईजी सीआईडी संतोष पटियाल ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया क इस गिरोह का सरगना भी जल्द पुलिस हिरासत में होगा।
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