संचयिका दिवस (Sanchayika Day)
छात्रों के बीच पैसे बचाने की आदतों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 15 सितम्बर को पूरे भारत में संचयिका (स्कूल बैंकिंग) दिवस के रूप में मनाया जाता हैं. संचयिका दिवस पर स्कूल में छात्रों को बचत को बढ़ावा और बैंकिंग सिस्टम के प्रति जागरूक बनाया जाता है. इसमें बचत के फ़ायदे बताये जाते हैं. भारत में अभी भी संचयिका दिवस (Sanchayika Day) अधिकतर स्कूलों में नहीं मनाया जाता है परन्तु जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ रही है लोग बैंकिंग फ़ायदे और उसकी उपयोगिता को समझ रहे हैं. उस लिहाज से यह दिवस हर स्कूल और कॉलेज में जरूर मनाया जाना चाहिए.
संचयिका दिवस पर छात्रों और उनके माता-पिता को भी बैंकिंग सिस्टम और पैसों के बचत के बारें में बताना चाहिए. छात्रों को नेट बैंकिंग (Net Banking), मोबाइल बैंकिंग (Mobile Banking) और कैशलेस मनी ट्रान्सफर (Cashless Money Transfer) के लाभ को समझाना चाहिए जिससे वे अपने बैंकिंग काम को आसानी से कर सके. आज भी भारत में बैंकिंग काम करने के लिए घंटो बैंक की लम्बी लाइन में लगना पड़ता हैं क्योंकि लोग जागरूक नहीं हैं. अगर आप बड़े शहरों में देखेंगे तो बैंकों पर भीड़ ही नहीं होती हैं क्योंकि ज्यादातर लोग नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग का प्रयोग करते हैं. इसमें काफ़ी समय बचता हैं.
>Banसंचयिका बैंक (Sanchayika Bank)
संचयिका बैंक मुख्यतः स्टूडेंट से सम्बंधित हैं. इस योजना में छात्रों के लिए बैंक खाता खोला जाता है और कम उम्र में बचत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. छात्रों को इससे यह पता चलता है कि दैनिक जीवन में बैंक और बचत का क्या महत्व है. 1970 के शुरूआत में, भारतीय सरकार द्वारा छात्रों के लिए राष्ट्रीय बचत के तहत संचयिका के रूप में स्कूल में बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
संचयिका दिवस का महत्व
• कम उम्र में छात्रों के बीच पैसे बचाने के आदत को प्रोत्साहित करना.
• बैंकिंग सुविधा और कार्यों से अवगत कराना.
• छात्र अपने जीवन के शुरूआती दिनों में ही धन प्रबंधन सीख सकेंगे.
• बचत और उसके लाभ के बारे में जानकारी देना.
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