ऊना। जिला एवं सत्र न्यायालय भुवनेश अवस्थी की अदालत ने चेक बाउंस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के फैसले को उचित ठहराते हुए दोषी रजत कुमार निवासी गांव टक्का की सजा को बरकरार रखा है। दोषी को छह महीने साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। इसके साथ ही सात लाख रुपये मुआवजा शिकायतकर्ता को देना होगा।शिकायतकर्ता दीपन शर्मा ने रजत कुमार के खिलाफ नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के अंतर्गत माननीय न्यायालय में मुकदमा दर्ज करवाया था। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसका दोषी के साथ जमीन खरीदने के लिए एक अनुबंध हुआ। 19 मार्च 2016 को सौदा 6,50,000 का तय हुआ। इसमें से शिकायतकर्ता ने छह लाख रुपये मौका पर ही रजत को दे दिए। बाकी के 50 हजार रजिस्ट्री के समय देने तय हुए। मगर वह तय समय सीमा में जमीन की रजिस्ट्री करने में नाकाम रहा।
रजत ने असमर्थता जताते हुए 31 अक्तूबर 2017 को दोबारा शिकायतकर्ता के साथ अनुबंध किया, लेकिन उस अनुबंध के बावजूद भी जमीन की रजिस्ट्री नहीं करवाई। अपनी देनदारी का भुगतान करने के लिए रजत ने शिकायतकर्ता को छह लाख रुपये का चेक दिया। मगर बैंक खाते में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण बाउंस हो गया। इस पर शिकायतकर्ता को अदालत में केस दर्ज करवाया।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने शिकायतकर्ता की अपील को उचित मानते हुए दोषी को छह महीने साधारण कारावास और सात लाख रुपये मुआवजा शिकायतकर्ता को देने की सजा सुनाई। इसकी अपील दोषी ने जिला एवं सत्र न्यायालय ऊना में दायर की थी। अपील को जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इस मामले की शिकायतकर्ता की तरफ से पैरवी अधिवक्ता नवीन ठाकुर ने की।
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