हमीरपुर के पर्यटन को 300 करोड़ रुपए से लगेंगे पंख, पर्यटन मानचित्र पर नादौन की अलग पहचान बनाने का काम शुरू

 



पर्यटन की दृष्टि से न के बराबर रहे जिला हमीरपुर में पर्यटन को पंख लगाने की योजना प्रदेश सरकार द्वारा तैयार कर ली गई है। एडीबी की मदद से जिले में पर्यटन की व्यापक योजनाओं को क्लीयरेंस मिली है। इसके तहत जिला में लगभग 300 करोड़ की मदद से पर्यटन की विभिन्न योजनाओं को पूरा करने का खाका तैयार किया है। इसमें सबसे अधिक मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र में पर्यटन की विभिन्न योजनाओं का खाका तैयार किया है। नादौन में टूरिज्म के एक फाइव स्टार होटल निर्माण का निर्माण प्रस्तावित है, जिस पर 43 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसी तरह कलूर में 65 करोड़ के वैलनेस सेंटर का निर्माण भी प्रस्तावित है। इसके अलावा नादौन विधानसभा के तहत पड़ते जसकोट में हेलिपोर्ट के लिए 3.50 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है जो कि 50 कनाल के लगभग जमीन पर बनेगा। इसके अलावा 25 करोड़ के वाटर स्पोट्र्स पार्क और रीवर राफ्टिंग जैसे सेंटर प्रस्तावित है। ब्यास रिवर के किनारे ब्यास घाट बनेगा, जिसमें रोजान ऋषि ब्यास की आरती होगी। नादौन में कांगड़ा जिला की सीमा पर एक पैराग्लाइडिंग साइट भी चिन्हित की जा रही है। साथ ही यहां नादौन से दियोटसिद्ध तक एक जंगल सफारी की भी प्लानिंग की जा रही है। गसोता महादेव मंदिर के पास स्विमिंग पूल का स्ट्रक्चर तैयार हो चुका है। उधर दियोटसिद्ध में एडीबी की मदद से ही 64 करोड़ की योजना इस धार्मिक स्थल की ब्यूटिफिकेशन के लिए तैयार की गई है। सहायक जिला पर्यटन विकास अधिकारी रवि धीमान की मानें तो एडीबी की मदद से जिले में पर्यटन की कई योजनाएं आने वाले समय में फलीभूत होंगी। लोक निर्माण विभाग की मदद से सभी कार्यों को पूरा करवाया जाएगा। 


वे-साइड अमेनिटीज के लिए 13 करोड़ का बजट


जिला से गुजरने वालेमुख्य हाई-वे के किनारे वे-साइड अमेनिटीज को विकसित किया जाएगा, जिसपर 13 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिसमें कुछ किलोमीटर के बाद शौचालय होंगे। टूरिस्ट के लिए टी और कॉफी हाउस बनाए जाएंगे, ताकि हाई-वे से गुजरने वाले यात्री या पर्यटक जरूरत पडऩे पर कुछ देर आराम कर सकें।


सुजानपुर की प्राचीन धरोहरों को रखरखाव की जरूरत


सुजानपुर की बात करें, तो यहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई धाम बनाए गए है। जो कि लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। हालांकि यहां सुजानपुर का किला और कई ऐतिहासिक मंदिर भी स्थापित है। अगर इन धरोहरों को संजोया जाता है, तो विश्व मानचित्र में सुजानपुर अपनी अलग पहचान बनाएगा।

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