भारत में ही बनेंगे फाइटर जेट के इंजन, अमरीकी कंपनी ने जनरल इलेक्ट्रिक को दी सभी मंजूरियां

डिफेंस फोर्स होगी और ताकतवर देश के डिफेंस सेक्टर को बड़ा बूस्ट मिलने जा रहा है। एलसीए मार्क 2 और इंडिजिनस एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के पहले दो स्क्वाड्रन के इंजनों का घरेलू स्तर पर प्रोडक्शन किया जाएगा। डीआरडीओ प्रमुख डा. समीर वी कामत ने शनिवार को यह जानकारी दी। समीर ने कहा कि एलसीए मार्क 2 के इंजन और एएमसीए के पहले दो स्क्वाड्रन का उत्पादन अमरीकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से देश के भीतर एक साथ होगा। इसे लेकर सभी जरूरी मंजूरियां अमरीका से मिल गई हैं। एचएएल और यूएस की जीई देश में संयुक्त रूप से इन इंजनों का उत्पादन करेंगे। 30 अगस्त को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने एलसीए मार्क 2 लड़ाकू विमान के डिवेलपमेंट को लेकर मंजूरी दी, जो भारतीय वायुसेना में मिराज 2000, जगुआर और मिग -29 लड़ाकू विमानों की जगह लेंगे। एयरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी के चीफ गिरीश देवधरे ने कहा कि एलसीए मार्क 2 फाइटर एयरक्राफ्ट डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट को सरकार से मंजूरी मिली है। इससे डिजाइनर्स के लिए एडवांस्ड 17.5 टन सिंगल-इंजन विमान बनाने का रास्ता साफ होगा। नए एयरक्राप्ट का डिवेलपमेंट 2027 तक पूरा किया जाना है। उन्होंने कहा कि सरकार से प्रोटोटाइप बनाने की मंजूरी मिली हुई है। पहला प्रोटोटाइप सालभर के भीतर शुरू हो सकता है और फ्लाइंग ट्रायल्स व अन्य संबंधित कार्यों के बाद यह प्रोजेक्ट 2027 तक पूरा होना है। डीआरडीओ का मानना है कि यह विमान एवियोनिक्स और क्षमताओं के मामले में राफेल कैटेगरी के एयरक्राफ्ट में आएगा, मगर वजन में हल्का होगा।

देश में 99 इंजन तैयार होंगे

जनरल इलेक्ट्रिक, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ मिलकर एफ-414 जेट इंजन का निर्माण करेगी। दोनों कंपनियां मिलकर भारत में 99 इंजनों का निर्माण करेंगी और इसमें एक अरब डॉलर से कम की लागत आने की उम्मीद है। जनरल इलेक्ट्रिक इन इंजनों के निर्माण में जो प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराएगा, उनमें गर्म सिरे के लिए जंग, कटाव और थर्मल बाधा से बचाव के लिए विशेष कोटिंग की प्रौद्योगिकी शामिल हैं।



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