आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युग मे भी सृजनात्मकता की प्रासंगिकता कायम।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आज जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन कुल्लू के परिधि गृह प्रांगण में किया गया जिसमें उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने सभी को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुभकामनाएं दीं।

उपायुक्त ने कहा कि प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा तथा पत्रकारिता में उच्च आदर्श स्थापित करने के उद्देश्य से अखिल भारतीय प्रेस परिषद की परिकल्पना की थी। 4 जुलाई, 1966 को देश में प्रेस परिषद स्थापित की गई, जिसने 16 नवंबर, 1966 से अपना कार्यभार संभाला। 

इसके उपरान्त हर वर्ष 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है। दुनिया के विभिन्न देशों में प्रेस परिषद या मीडिया परिषद कार्य कर रही हैं।उन्होनें कहा कि भारत में प्रेस को वॉचडॉग (सजग प्रहरी)तथा भारतीय प्रेस परिषद को मोरल वाचडॉग की संज्ञा दी गई है। यह दिन हमें प्रेस की स्वतंत्रता एवं कर्तव्यों पर मंथन करने का अवसर प्रदान करता है।

प्रेस परिषद द्वारा इस वर्ष के विषय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में मीडिया विषय पर चर्चा करते हुए उपायुक्त गर्ग ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज प्रत्येक क्षेत्र में प्रासंगिक है। इससे हमारे श्रम एवं समय की बचत होती है।

इससे प्राप्त सूचना के लेखक एवं पाठक दोनो को लाभ मिल रहा है क्योंकि पाठक को भी अपने रुचि एवं आवश्यकता की सूचनाएं प्राप्त करने में आसानी रहती है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विभिन्न उपकरणों से सूचना की प्रस्तुति एवं ग्राह्यता का विस्तार हुआ है।इसके अतिरिक्त तथ्यों की पुष्टि के विभिन्न तकनीकों का प्रयोग भी सूचना की विश्वसनीयता को परखने में फायदेमंद हो रहा है। इसके प्रयोग को बेहतरी से सीखने व सदुपयोग करने की महती आवश्यकता है।

उन्होंने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग मे भी सृजनात्मकता की प्रसांगिकता हमेशा बनी रहेगी।कियूंकि सृजनात्मकता का स्थान मशीन नहीं ले सकती।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रेस से प्रभावित है।

उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र प्रेस का उद्देश्य सच को लोगों तक पहुंचाना है। मीडिया इसके लिए दिन-रात मेहनत करता है। सत्य से बढ़कर कुछ नहीं है। लोग मीडिया से सदैव सच्चाई को उजागर करने की अपेक्षा करते हैं।

 मीडिया, लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाता है और यह समाज का आईना होता है। पत्रकारिता में समय के साथ अनेक बदलाव आए हैं लेकिन इसका मुख्य ध्येय आम जन तक तथ्यों पर आधारित व निष्पक्ष जानकारी पहुंचाना है। मीडिया ने समय-समय पर नई-नई चुनौतियों का सामना करते हुए अपना कर्तव्य निभाया है।

मीडिया की तुलना ऐसी उत्तर पुस्तिका से की जा सकती है, जिसके लाखों परीक्षक या अनगिन समीक्षक होते हैं। तथ्यपरकता, यथार्थवादिता, संतुलन एवं वस्तुनिष्ठता इसके मूल तत्व है।

 मीडिया,लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाता है। मीडिया को समाज का दर्पण एवं दीपक दोनों माना जाता है।मीडिया जन-जन में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में मदद करता है। इससे लोगों को सरकारी नीतियों, कार्यक्रमों, योजनाओं और सुविधाओं को प्राप्त करने में सहायता मिलती है।

जिला लोक सम्पर्क अधिकारी नरेंद्र शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आज का दिन पत्रकारिता से जुड़े हुए लोगों के। आत्ममंथन का दिन है ।

इस अवसर पर प्रेस क्लब कुल्लू के अध्यक्ष धनेश गौतम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले चार दशकों में मीडिया में बहुत बदलाव आया है। और मीडिया कर्मियों को भी प्रेस क्षेत्र में आ रहे बदलाव के साथ सामंजस्य बनाना होगा।तभी इस प्रतिस्पर्धा के युग मे टिक पाएंगे। 

इस अनेक पत्रकारों ने परिचर्चा में भाग लिया।इस दौरान पत्रकार व अन्य उपस्थित थे।

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