कर्नाटक विधानसभा में भी हिमाचल प्रदेश विधानसभा का पेपरलैस मॉडल अपनाया जाएगा। कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर फरीद देश की पहली ई -विधान प्रणाली जानने के लिए राज्य विधानसभा सचिवालय पहुंचे और उन्होंने यहां पर ई-विधान का मुआयना किया। उनके साथ कर्नाटक विधान परिषद की सचिव केआर महालक्ष्मी, कर्नाटक विधानसभा की सचिव एमके विलाक्षी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी ई-विधान प्रणाली का विस्तृत अध्ययन करने आए। इस अवसर पर कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष और अधिकारियों ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया और ई-विधान से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की।स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने उन्हें ई-विधान प्रणाली की जानकारी दी और उससे होने वाले फायदों से अवगत करवाया। पठानिया ने कहा कि ई-विधान प्रणाली एक कागज रहित प्रणाली है। इसके उपयोग से हर वर्ष जहां हजारों वृक्ष कटने से बचेंगे, वहीं कार्य में निपुणता, दक्षता और पारदर्शिता भी आएगी। पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी विधानसभा सदस्यों को ई-मोबाइल ऐप के जरिये लोगों और अधिकारियों को सीधे आपसे में जुड़ने की सुविधा दी जा रही है। इससे राज्य सरकार, अधिकारियों और जनता में सीधा संवाद हो रहा है, जिससे कार्य निष्पादन की क्षमता निश्चित रूप से बढ़ी है।
हिमाचल सुंदर राज्य है और यहां के लोग भोले-भाले : फरीद
फरीद ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक सुंदर राज्य है और यहां के लोग भी भोले-भाले हैं, जिसके वे कायल हैं। उन्होंने पठानिया को सदन के रख-रखाव तथा ई- विधान प्रणाली की सफलता के लिए बधाई दी।
पठानिया ने कौंसिल चैंबर की अधोसंरचना पर भी प्रकाश डाला
पठानिया ने कहा कि जहां वे बैठक कर रहे हैं, उसे कौंसिल चैंबर कहते हैं, जिसका अपना एक अविस्मरणीय इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि कौंसिल चैंबर में स्थापित सदन का अपना गौरवमयी इतिहास है। इसी सदन में वर्ष 1925 में विट्ठलभाई पटेल राष्ट्रीय एसेंबली के प्रथम निर्वाचित अध्यक्ष चुने गए थे।
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