सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला ने रानी लक्ष्मीबाई जयंती के उपलक्ष्य पर महिला सशक्तिकरण - भारतीय दृष्टिकोण पर आयोजित करवाई संगोष्ठी- डॉ सुरेन्द्र शर्मा

महिलाएं समाज में आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रही है। - राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल

संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रुप हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल जी उपस्थित रहे

सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला के सचिव डॉ सुरेन्द्र शर्मा ने बयान जारी करते हुए जानकारी दी है कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला ने आज दिनांक 19 नंबवर, 2023 को हिम रश्मि परिसर, विकासनगर में सुबह 11:00 बजे निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। जिसमें विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा सैकड़ों लोगों का निःशुल्क स्वास्थ्य जांच की‌ गई। उन्होंने बताया कि इस शिविर में विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की गई।

डॉ सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला समय-समय पर समाज में कोई ना कोई कार्यक्रम गतिविधि करता रहता है। पीछे हाल ही में शिमला में आई भयंकर आपदा शिमला में बहुत अधिक जानमाल का नुकसान हुआ जिसमें सुनील उपाध्याय एजुकेशन ट्रस्ट शिमला द्वारा अगर हुए लोगों को राशन, वस्त्र की जरूरत की वस्तु उपलब्ध करवाई। उन्होंने बताया कि इस निशुल्क चिकित्सा शिविर में विभिन्न प्रकार के टेस्ट बिल्कुल निशुल्क किए गए ।जिसमें बाल रोग विशेषज्ञ, शल्य चिकित्सा विशेषज्ञ, कान नाक और गला रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, मेडिसिन विशेषज्ञ व हड्डी रोग विशेषज्ञ आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।इस निशुल्क चिकित्सा शिविर में 367 लोगों का स्वास्थ्य जांच की गई।

उन्होंने कहा  कि सुनील उपाध्याय एजुकेशन ट्रस्ट शिमला ने रक्तदान शिविर का भी आयोजन भी किया । जिसमें 56 लोगों ने रक्तदान किया।उन्होंने जानकारी दी की रानी लक्ष्मीबाई जयंती के उपलक्ष्य पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला जी,  विशिष्ट अतिथि उच्च न्यायालय की अधिवक्ता श्रीमती मोनिका अरोड़ा जी विशेष रूप से संगोष्ठी में उपस्थित रहीं।

हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला समाज में बहुत सराहनीय कार्य कर रहा है। स्वर्गीय सुनील उपाध्याय जी को याद करते हुए कहा कि सुनील उपाध्याय जी आज भी हम सभी के बीच में ही है। आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का जो विराट स्वरूप हिमाचल प्रदेश में देखने को मिलता है उसका श्रेय स्वर्गीय सुनील उपाध्याय जी को जाता है। उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई जयंती के उपलक्ष्य पर आयोजित महिला सशक्तिकरण - भारतीय दृष्टिकोण संगोष्ठी से हमें भारतीय वीरांगनाओं से सीखने की जरूरत है। अपने हक के‌ लिए लड़ना हमें रानी लक्ष्मीबाई के जीवन से सीखना चाहिए। आज महिलाएं समाज के प्रत्येक क्षेत्र में पुरूषों से आगे बढ़कर कार्य कर रही है ।

उच्च न्यायालय की अधिवक्ता श्रीमती मोनिका अरोड़ा जी कहा कि रानी लक्ष्मीबाई जी  का जीवन‌  बहुत ही संघर्ष भरा रहा है। उन्होंने देश की आजादी के लिए अपने हर संभव प्रयास भी किए उन्होंने बताया की जो भारत की प्रेरणा हैं वो लक्ष्मी बाई है जो घोड़े पर सवार हाथ में तलवार पीठ पर बच्चा लेकर भी भारत के लिए अंग्रेजो के साथ लड़ते समय भी भारतीय संस्कृति को दिखाया।

उन्होंने बताया की जिस समय चंद्रयान सफल हुआ उस समय भारतीय महिला वैज्ञानिक भारतीय लिबास में भारतीय आभूषण धारण कर तैयार हुई थी और जश्न मना रही थी उस समय भी वैज्ञानिक महिलाएं भारतीय संस्कृति को दर्शा रही थी। भारतीय महिलाओं के सम्मान में उन्होंने सूर्य स्वित्री ,मीरा बाई, रानी दुर्गावती , मैरी कॉम,कल्पना चावला जैसे अन्य वीरांगनाओं को याद करते हुए बताया की भारतीय महिलाएं परिवार को संभालने के साथ साथ विश्व जगत में भारत का नाम रोशन कर रही हैं ।

अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया की अभी भी भारत में निर्व्या और गुड़िया जैसी अनेक बहने अभी भी समाज ने स्वतंत्र नहीं हैं लड़कियां घर से बाहर अकेले जाने से डरती हैं समाज में अभी भी उनके लिए सम्मानित स्थान पूर्ण रूप से नहीं मिला है उन्होंने बताया की हम लोग देखते हैं ऐसा आसमान हमारे घरों में भी देखने को मिलता है हमे अपनी पढ़ाई कमाने के लिए नहीं बल्कि व्यवहार में लाने के लिए करनी होगी और उसी व्यवहार को अपने परिवार में लागू कर घर में मां से लेकर बेटी को सशक्त करने का प्रयास करना होगा। उन्होंने बताया कहा हमारी संस्कृति में स्वयं देवताओं ने जन्म लिए और महादेव ने तो अर्धनरेश्व का रूप लिया ऐसी संस्कृति जिसका भगवान भी स्वयं सम्मान करते हैं वो भारतीय संस्कृति है।

मोनिका जी ने बताया की जब अमेरिका की महिलाएं 1920 में, ब्रिटिश महिलाएं 1928 तक और स्वीटरलैंड की महिलाएं 1959 तक वोटिंग के अधिकार से वंचित थी ऐसे समय में भारतीय महिलाएं पुरषों के समान अन्य क्षेत्रों में अपनी भूमिका निभा रही थी ।

उन्होंने बताया की भारतीय महिला आरंभ से ही मजबूत थी बीच के कुछ काल खंड में उन्हें पिछड़ा हुआ दिखाया गया हमे इस मिथ को दूर करने के लिए और स्त्री को सशक्त करने को हर संवभ प्रयास रहना चाहिए।

डॉ सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस संगोष्ठी कार्यक्रम में अपने जूनियर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली व देश व प्रदेश का नाम रोशन करने वाली चार महिलाओं को सम्मानित किया गया। जिसमें सुश्री ज्योति ( महिला खेल जगत), सुश्री पुष्पा (महिला खेल जगत), श्रीमती स्नेहलता (महिला उद्यमी) व डॉ तारा देवी ( समाजसेवा) को इस कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला द्वारा इस एक दिवसीय निशुल्क चिकित्सा शिविर, रक्तदान शिविर व‌ रानी लक्ष्मीबाई जयंती के उपलक्ष्य पर आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम को‌ सफल बनाने के लिए सभी लोगों का बहुत बहुत धन्यवाद।





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