अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर जसबीर सिंह द्वारा टीकाकरण कार्यक्रम,दिव्यांग व्यक्तियों को विशिष्ट पहचान पत्र (यूडीआईडी) का प्रावधान, पीसीपीएनडीटी, जननी सुरक्षा योजना, संस्थागत मातृत्व, आर.बी.एस.के. कार्यक्रम के तहत सरकारी एवं सहायता प्राप्त स्कूलो तथा आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि आर.बी. एस.के. कार्यक्रम के तहत बीमार बच्चों का इलाज सुनिश्चित किया जाए। ताकि स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले मरीजों को कोई परेशानी न हो और लोगों को स्वास्थ्य योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ दिया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि श्रम शक्ति का उचित उपयोग करते हुए स्वास्थ्य संस्थानों में नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए। बैठक के दौरान सिविल सर्जन डा. जगदीप चावला ने जिले में चल रहे विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने आम आदमी क्लीनिक के प्रदर्शन की भी समीक्षा की। सिविल सर्जन ने कहा कि जिले में चल रहे 55 आम आदमी क्लीनिक लोगों को उनके घर के पास ही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवा रहे है। ए.डी.सी. ने सिविल अस्पताल में बनने वाले आठ स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों और क्रिटिकल केयर यूनिट को अपग्रेड की प्रगति की भी समीक्षा की। इस अवसर पर मैडिकल सुपरडेंट डा. गीता, डी.एम.सी. डा. ज्योति शर्मा, जिला टीकाकरण अधिकारी राकेश चोपड़ा आदि भी मौजूद रहे।
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