उन्होंने कहा प्रदेश सरकार के प्रयासों से हरोली विधानसभा क्षेत्र को शिक्षा हब के रूप में विकसित किया जा रहा है तथा इस क्षेत्र में शैक्षणिक सुविधाओं को निरंतर स्तरोन्नत किया जा रहा है ताकि विकास के अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी जिला ऊना को विशेष पहचान प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि करीब दो दशक पूर्व विकास की दृष्टि से पिछड़ा कहे जाने वाला जिला ऊना का हरोली विधानसभा क्षेत्र आज विकास के हर मामले में न केवल हिमाचल प्रदेश में बल्कि देश के अग्रणी विधानसभा क्षेत्रों में शुमार है जिसका श्रेय इस क्षेत्र की जनता को भी जाता है जिनके निरंतर समर्थन व सहयोग से उन्हें लगातार पांचवीं बार हरोली विधानसभा क्षेत्र में जन सेवा करने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि एक ओर जहां दो दशक पूर्व हरोली विधानसभा क्षेत्र में केवल चार वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय थे, वहीं आज हरोली विधानसभा क्षेत्र में 33 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, दो औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, एक केंद्रीय विद्यालय तथा तीन महाविद्यालय क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरोली विधानसभा क्षेत्र के गांव सलोह में 150 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) की बदौलत इस क्षेत्र को देश व दुनिया में विशेष पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों की बदौलत आज हरोली विधानसभा क्षेत्र शिक्षा का हब बनने की और अग्रसर है तथा इसका सबसे अधिक फायदा क्षेत्र की बेटियों को मिला है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में स्थापित हिमकैप्स लॉ एंड नर्सिंग कॉलेज बढेड़ा का भी जिला ऊना के साथ-साथ प्रदेश भर में विशेष स्थान है जहां से कानून तथा नर्सिंग की पढ़ाई करने बाले बच्चे देश व दुनिया में इस क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में एक ओर जहां पिछली पीढ़ी के अधिकतर लोग अशिक्षित अथवा बहुत ही कम पढ़े लिखे थे, वहीं वर्तमान में इस क्षेत्र के युवक-युवतियां डॉक्टर, इंजीनियर, न्यायाधीश, वकील तथा नर्सिंग ऑफिसर बनकर इस क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पेशेवर, तकनीकी तथा व्यवसायिक शिक्षा में आज हरोली की विशेष पहचान है तथा यहां से उच्च शिक्षित लोग देश के हर कोने में अपनी योग्यता का लोहा मनवा रहे हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि स्थाई सफलता व्यक्ति को केवल निरंतर परिश्रम व प्रयासों से ही हासिल हो सकती है। इसलिए विद्यार्थियों को अपने जीवन में कठिन परिश्रम के साथ-साथ निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए, तभी निर्धारित लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे जीवन में कभी भी नशा न करने का संकल्प लें तथा इसके बारे में अन्य लोगों को भी प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन द्वारा नशा मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं तथा जन सहयोग द्वारा इसके शत-प्रतिशत लक्ष्यों को हासिल किया जाएगा।
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