▶️ सुक्खू सरकार में यह कैसा सुख और व्यवस्था परिवर्तन...?1971 में मिलता था बोनस, 2024 पड़े वेतन के लाले।
▶️कांग्रेस और भाजपा ने सत्ता प्राप्ति के लिए बिजली बोर्ड की आर्थिकी की तोड़ी कमर ।
3 दिसंबर।
डी.पी.रावत।
अखण्ड भारत दर्पण न्यूज़।
ज़िला कुल्लू के विकास खण्ड आनी के अन्तर्गत आनी कस्बे में स्थित वरिष्ट अधिशाषी अभियन्ता कार्यालय परिसर में हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन आनी ईकाई द्वारा सांकेतिक धरना मध्याह्न भोजन अवकाश के समय दोपहर एक बजे से लेकर दो बजे के मध्य आयोजित किया गया। इस धरने का मुख्य उद्देश्य तीन जनवरी तक बिजली कर्मचारियों को सैलरी न मिलना और पुरानी पेंशन बहाल करना,बोर्ड की वित्तीय स्थिति को सुधारना,बोर्ड में स्थाई प्रबन्ध निदेशक की नियुक्ति और फ्री कल्चर का विरोध रहा।
राज्य मुख्य संगठन सचिव झाबे राम शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 1971 में बोर्ड की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ थी। उस दौर में कर्मचारियों को में मिलता था बोनस और बोर्ड सरकार को ऋण देता था और 2024 में वेतन की अदायगी के लिए पर्याप्त धन नहीं है। जबकि तब पच्चीस हजार कर्मचारी थे और के वित्तीय संसाधन भी सीमित थे और ग्राहक मात्र पांच लाख थे।
आज कर्मचारियों की संख्या मात्र लगभग एक हजार पांच सौ है
जबकि आज ग्राहकों की संख्या पच्चास लाख के करीब हैं।सभी वक्ताओं के अनुसार बोर्ड की ख़राब वित्तीय हालत के लिए सबसे प्रमुख कारण प्रदेश सरकार द्वारा कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के अन्तर्गत मुफ्त बिजली वितरण है।
कुछ वक्ताओं ने कहा है कि भाजपा और कांग्रेस सरकारों ने समय समय पर सत्ता हथियाने के लिए फ्री सुविधाओं का रिवाज़ ( फ्री कल्चर) चलाया है।
इस धरना प्रदर्शन में केंद्रीय कार्यकारिणी से राज्य मुख्य संगठन सचिव झाबे राम शर्मा आनी इकाई के प्रधान प्रमोद शर्मा, इकाई सचिव रघुवीर भारती, इंजीनियर संगठन से इंजिनियर इंजीनियर एम.आर कश्यप, इंजीनियर नीतीश ,इंजीनियर जीत,इंजीनियर सलिग राम ठाकुर, पैंशनर पूर्ण शर्मा ,खूब राम शर्मा निहाल ठाकुर ,शेर सिंह, भाग चंद तथा कर्मचारियों में इकाई वरिष्ट प्रधान तनुज शर्मा ,मदन ठाकुर, जोगिंदर वर्मा ,आरती निर्मला ,पूर्ण चंद ,नंद लाल शर्मा, डिविजनल सुपरिडेंट ईशर जॉन पवन,बवलेश, जगदीश,मदन ट्विंकल, रचना, संदीप महेश्वर ,ठाकुर सैन, रिंकू मोहन, रिंकी बीर बहादुर, बीटू कार्तिक,प्रदीप ,सनी, तजेंद्र, महेश, आदि ने भाग लिया। सरकार से यूनियन ने मांग की हैं कि शीघ्र अति शीघ्र कर्मचारियों को वेतन का भुगतान तथा अन्य ज्वलंत समस्याओं का निपटारा किया जाए अन्यथा उन्हें मजबूरन सड़को उतरना पड़ेगा।
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