➡️जल्द सुलझाए वेतन और पेंशन विसंगति के मामले ,अन्यथा पूरे प्रदेश में होगा ब्लैक आउट आउट।
➡️हरिकेश मीणा को तुरन्त पद से हटाया जाए।
5 जनवरी,आनी।
डी.पी.रावत।
अखण्ड भारत दर्पण न्यूज़।
ज़िला कुल्लू के आनी कस्बे में तीसरे दिन भी विद्युत संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर पांच जनवरी तक वेतन और पेंशन का भुगतान न होने कारण बिजली बोर्ड कर्मचारियों व पेंशनर्स का भोजनावकाश के दौरान धरना ज़ारी रहा। इस धरने में सभी अधिकारियों,कर्मचारियों एवम विद्युत पेंशनर्स फोरम शाखा आनी के सैंकड़ों सदस्यों ने सरकार,बोर्ड प्रबंधक निर्देशक डॉक्टर हरिकेश मीना और चेयरमैन बिजली बोर्ड भरत खेड़ा की कार्यप्रणाली और कुप्रबंधन के खिलाफ़ जम कर नारेबाज़ी की।
यह पहली मर्तबा है कि बावन साल के बिजली बोर्ड के इतिहास में कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला। इंजीनियर विजय ठाकुर वरिष्ट अधिशासी अभियंता आनी ने विरोध सभा के सम्बोधन में कहा कि सभी ग्राहकों को अपने बिजली के बिलों का भुगतान करना चाहिए।साथ ही साथ उन्होंने कर्मचारियों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि बोर्ड के भविष्य को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए क्योंकि बोर्ड के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन हैं।
मगर उनका दोहन कुशल प्रबंधन द्वारा किया जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सरकार जल्द ही बोर्ड प्रबंधन में सुधार करेगी।
झाबे राम शर्मा यूनियन मुख्य संगठन सचिव ने विरोध सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि जल्द सरकार और बोर्ड प्रबंधन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करेगी तो वे ब्लैक आउट करने के लिए बाध्य होंगे। जिसके लिए सरकार और बोर्ड प्रबंधन जिम्मेवार होगा।
इस धरने को प्रमोद कुमार शर्मा प्रधान आनी इकाई , पेंशनर्स फोरम के अध्यक्ष नवल ठाकुर एवम् इंजीनियर एसोसिएशन से इंजीनियर एम.आर.कश्यप, पावर इंजीनियर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया और मांग की कि जब तक वेतन,पेंशन जारी नहीं होगी तब तक धरना जारी रहेगा, 6 जनवरी के बाद संयुक्त मोर्चा अगला निर्णय संघर्ष की रूपरेखा जारी की जाएगी। इस धरने के माध्यम से वक्ताओं ने सरकार से प्रबंध निदेशक नियमित रूप से लगाने और हरिकेश मीना को तुरंत प्रभाव से हटाने ,पुरानी पेंशन बहाल करने के आदेश शीघ्र जारी किए जाएं वर्ना विरोध प्रदर्शन उग्र रूप धारण करेगा जिसकी उत्तरदायी बोर्ड प्रबंधक और सरकार होगी ।
बिना वेतन पेंशन कर्मचारी पेंशनर्स के परिवार भारी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।सभी विद्युत उपमंडलों से कर्मचारी /अधिकारी और पेंशनर्स मे भारी रोष पाया गया।
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