इस संबंध में जिला दंडाधिकारी राघव शर्मा ने हिमाचल प्रदेश जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी रोकथाम ऑर्डर 1977 को मध्यनज़र रखते हुए आदेश जारी किए हैं। उन्होंने जिला के सभी पेट्रॉल पम्प ऑप्रेटरों को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए न्यूनतम रिजर्व पेट्रॉलियम उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि 25 हज़ार या इससे अधिक क्षमता वाले पेट्रॉल व डिज़ल पम्पों पर आपात परिस्थितियों के लिए 3 हज़ार डिज़ल और 2 हज़ार पेट्रॉल न्यूनतम रिजर्व रखने को कहा है। इसके अलावा 25 हज़ार से कम क्षमता वाले डिज़ल व पेट्रॉल पम्पों पर 2 हज़ार डिज़ल और 1 हज़ार पेट्रॉल की क्षमता को एमजेंसी के लिए न्यूनतम रिजर्व रखने के आदेश जारी किए हैं।
जिला दंड़ाधिकारी ने पम्प ऑप्रेटरों को आदेश दिए हैं कि वे एक समय पर केवल 10 लीटर तक ही तेल भरने की अनुमति होगी। यदि कोई वाहन मालिक इससे ज्यादा तेल भरने के लिए कहता है तो उसे संबंधित एसडीएम से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को वाहन के टैंक के अलावा किसी भी अन्य कंटेनर में तेल नहीं दिया जाएगा।
राघव शर्मा ने कहा कि आपातकालीन वाहन जैसे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड या अन्य आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई करने वाले वाहनों, पब्लिक ट्रांस्पोर्ट वाहनों को तेल भरने में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी भी डीलर को पेट्रॉल व डीज़ल की जमाखोरी व कालाबाजारी करने की अनुमति नही होगी। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा करता कोई पाया जाता है तो उसके विरूद्ध कानून के अुनसार कार्रवाई अमल में जाई जाएगी।
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