उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्कूल व कालेजों में अतिथि शिक्षक (गैस्ट फैकल्टी ) की नियुक्ति करने की तैयारी में है। छठी कक्षा से कालेज तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने का जिम्मा इन्हें दिया जाएगा। विद्यार्थी परिषद का कहना है की गैप अरेंजमेंट के नाम पर स्कूली स्तर से कॉलेज स्तर तक अब अतिथि शिक्षकों के भरोसे छात्रों को पढ़ाया जाएगा। कहीं न कहीं इस कारण शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों व सालों की मेहनत के बाद नैट, सैट की परीक्षा को उत्तीर्ण कर अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के स्वप्न लिए युवाओं के साथ धोखा है।
अतिथि शिक्षक के नाम पर प्रदेश के हजारों युवाओं को उनकी शिक्षा पूर्ण करने के बाद स्थायी तौर से रोजगार न दे पाना और चुनाव के पहले प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार के सपने दिखाना कहीं न कहीं आज हिमाचल सरकार का असली चेहरा हिमाचल वासियों के सामने आ चुका है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल सरकार को चेतावनी देते हुए यह कहना चाहती है कि इस प्रकार के छात्र युवा विरोधी फैसलों को लेने से पहले प्रदेश के भविष्य के बारे सोचा जाना चाहिए। इस प्रकार के किसी भी फैसले का विद्यार्थी परिषद कड़ा विरोध करती है।
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